ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को नए युग के आगमन का प्रतीक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले 1,000 साल के भारत की नींव रखनी है। पीएम मोदी ने इस बार ‘जय श्री राम’ के बजाय अपने संबोधन में ‘सियावर रामचंद्र की जय’ का जयघोष करते हुए कहा कि यह अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। वह भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रण है। मैं आज उन लोगों से आह्वान करूंगा कि अपनी सोच पर पुनर्विचार करें क्योंकि राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंत हैं।
इस समारोह में संतों के नेताओं, उद्योगपतियों, फिल्मी सितारों, कवियों, साहित्यकारों, खिलाड़ियों ने भी शिरकत की।
45 मिनट में पूरा हुआ अनुष्ठान
11.55 : मंदिर के उत्तरी द्वार से पीएम नरेंद्र मोदी का प्रवेश।
12.10 मुख्य अर्चक ने शुद्धिकरण कराया। हाथ में जल लेकर पूजा और प्राण- प्रतिष्ठा का संकल्प कराया।
12.15 : प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा शुरू, गणपति पूजा हुई। रामलला को पूजन सामग्रियां और पुष्प अर्पित ।
12.25 : रामलला की आंखो ं से पट्टी हटी, मोदी ने प्रतिमा के चरणों में कमल पुष्प अर्पित किए।
12.29 से 12.31 : मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि को पूरा किया।
12.35 : मोदी ने रामलला की पूजा की और धूप आरती की।
12.40 : सभी अतिथियों ने रामलला की आरती की।
सितारे भी प्रभु राम के चरणों में