ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। रामलला का मंदिर अयोध्या में आर्थिक प्रगति की नई कहानी लिखेगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाद रामनगरी देश ही नहीं, दुनिया के लिए भी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का नया मॉडल बनेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अयोध्या में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था- भारत को विकसित देश बनाने के अभियान को अयोध्या से नई गति मिल रही है। मंदिर और विकास को दो अलग-अलग नजरियों से देखा जाता है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण ने साबित कर दिया है कि असल में ये दोनों बातें एक साथ हो सकती हैं। अयोध्या नगरी को राम मंदिर से एक धार्मिक पहचान ही नहीं मिली, बल्कि व्यापार और अर्थव्यवस्था में भी जबरदस्त उछाल आया है।
अब ये एक नई अयोध्या है, जिसके पास एक नई तरह से विकसित अपना रेलवे स्टेशन है, खुद का एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और बड़े-बड़े बिजनेस ग्रुप और कंपनियां यहां अपना कारोबार करने के लिए बेताब हैं।
– अयोध्या में चार गुना बढ़े प्राॅपर्टी के दाम, बड़े डेवलपर्स की भी नजर
– दुनिया के लिए सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का नया मॉडल बनेगी अयोध्या
अयोध्या रेलवे स्टेशन का कायाकल्प
सबसे पहले अयोध्या के रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया गया। एक अनुमान के मुताबिक, अयोध्या स्टेशन के
विस्तार को लेकर रेलवे की तरफ से 240 करोड़ रुपये खर्च किए गए। स्टेशन को नया लुक दिया गया।
इसमें खूबसूरत बिल्डिंग, पार्किंग, कर्मचारियों के लिए घर, रेलवे पुलिस का ऑफिस, तीन नए प्लेटफार्म का निर्माण, रोड निर्माण, ड्रेनेज तथा अन्य बहुत से विकास कार्य किए गए। अयोध्या स्टेशन की बिल्डिंग की बात करें, तो यह 10 हजार वर्गमीटर में फैला है। वहीं इसके दूसरे चरण में बाकी एयर कॉनकोर्स का काम हुआ, जिसकी लागत 480 करोड़ रुपए है।
अयोध्या एयरपोर्ट
सांस्कृतिक पहचान में यह एक नए युग का प्रतीक है, जो भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ा रहा है। 1,450 करोड़ रुपये की लागत से बना अयोध्या इंटरनेशन एयरपोर्ट एक इंफ्रास्ट्रक्चर मैजिक है।
विमानन यातायात और बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व वृद्धि की इस यात्रा में अयोध्या हवाई अड्डा सबसे नया मील का पत्थर है। व्यस्त समय में 750 से ज्यादा यात्रियों की क्षमता और प्रति घंटे चार विमानों की आवाजाही के साथ, ये एक बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा। दो मंजिला अयोध्या एयरपोर्ट पवित्र शहर के समृद्ध इतिहास को दर्शाने वाला होगा।
अयोध्या में चार गुना बढ़े प्रॉपर्टी के रेट
राम मंदिर उद्घाटन के साथ अयोध्या का रियल्टी बाजार अब तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या में जमीन और संपत्ति की कीमतें चार गुना हो गई हैं और उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों की तुलना में तेजी से बढ़ रही हैं।
ये तेजी निवेशकों के साथ-साथ स्थानीय जमीन खरीदारों को भी लुभा रही है। उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि राम मंदिर और एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी सुर्खियों और मेगा प्रोजेक्ट से कीमतें बढ़ती रहेंगी। एक रिसर्च न केवल राम मंदिर के आसपास बल्कि अयोध्या के बाहरी इलाके में भी जमीन की कीमतों में अच्छी खासी बढ़ोतरी का संकेत देती है। उदाहरण के लिए फैजाबाद रोड क्षेत्र में रेट 2019 में 400-700 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर अक्टूबर 2023 तक 1,500-3,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गया। इसी तरह, शहर की सीमा के भीतर, जमीन की औसत कीमतें 2019 में 1,000-2,000 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर वर्तमान में 4,000-6,000 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। ये उछाल बहुत ही चौंकाने वाला है।
होटल चेन का मिलने जा रहा फायदा
अयोध्या में हो रहे विकास को बड़े डेवलपर्स और होटल चेन का फायदा मिलने जा रहा है। अभिनंदन लोढ़ा हाउस ने जनवरी में अयोध्या जिले में 25 एकड़, रेजिडेंशियल, प्लॉटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। ये प्रोजेक्ट नए राम मंदिर से महज 15 मिनट की दूरी पर है।
85,000 करोड़ से अयोध्या का पुनर्विकास
रिपोर्ट्स की मानें, तो इस महीने राम मंदिर के उद्घाटन के बाद हर दिन लगभग 3 लाख टूरिस्ट और भक्तों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पवित्र शहर को अपग्रेड करने, मास्टर प्लान 2031 के अनुसार अयोध्या का पुनर्विकास 85,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के साथ 10 सालों में पूरा किया जाएगा।
इसमें 875 वर्ग किमी के अयोध्या विकास प्राधिकरण क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म डेवलपमेंट की पहचान शामिल है, जिसमें 133 वर्ग किमी का वर्तमान मास्टर नियोजित शहर क्षेत्र और 31.5 वर्ग किमी का मुख्य शहर होगा।
वास्तुकार और शहरी योजनाकार दीक्षु कुकरेजा ने कहा कि डिजाइन विजन में सभी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं, जो 21वीं सदी में एक विश्व स्तरीय शहर में होनी चाहिए और साथ ही इस प्राचीन जगह के इतिहास और संस्कृति का जश्न मनाएं। दीक्षु कुकरेजा की फर्म ने ही पूरी अयोध्या के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है।