चित्रकूट से संदीप रिछारिया
राम भक्त ले चला राम की निशानी, रामानद सागर की रामायण के इस गीत के दर्शन चित्रकूटधाम में हुए। क्या गरीब, क्या अमीर, क्या राजनेता और क्या अधिकारी, क्या महिला क्या बेटियां, सभी के चेहरे पर प्रसन्नता के साथ मुंह से निकलते जय श्रीराम के स्वर यह बता रहे थे कि वास्तव में राम किसी एक धर्म मजहब के नहीं, बल्कि वह तो सदियों से जन जन के हैं।
जिस कुएं में कभी महर्षि वशिष्ठ जी के साथ सभी ऋषियों के परामर्श के बाद पवित्र नदियों व समुद्रों के जल को डाला गया था, उसी कूप से विशाल घड़े में जल के साथ चांदी, सोने व अन्य धातुओं की खड़ाऊं को विशाल रथ में सजाकर अयोध्या के लिए रवाना किया गया। चित्रकूट से तीन जोड़ी खड़ाऊं भेजी जा रहीं हैं अयोध्या धाम।
– कई नदियों व समुद्रों के जल वाले भरतकूप से ले जाया जा रहा है पवित्र जल
– श्री रामवनगमन मार्ग के शोधकर्ता डा. रामअवतार शर्मा निकले अयोध्या
श्रीलंका से आई पादुका यात्रा अयोध्या रवाना
श्रीलंका से अयोध्या धाम जा रही खड़ाऊं का अंतिम पड़ाव आनंद रिसोर्ट रहा। यहां पर लगभग दस बजे खड़ाऊं को लेकर डा. शर्मा आए। डा. आशुतोष जी के साथ अन्य लोगों का स्वागत किया गया। यहां पर विहिप व अन्य संगठनों के लोग भी शामिल रहे। इस दौरान सभी के साथ खिचड़ी का त्योहार भी मनाया गया। यात्रियों को मुगौडा व गुड से बनी जलेबी खिलाई गई।
सरकारी पादुका यात्रा
सरकारी पादुका यात्रा का प्रारंभ भरतकूप से हुआ। यहां पर पादुकाओं का बाबा सत्यनारायण मौर्य के साथ दिगंबर अखाड़े के महंत दिव्यजीवनदास, निर्वाणी अखाडे के महंत सत्यप्रकाशदास ने पूजन करने के बाद विशाल घड़े में कूप का जल भरा गया। इसके बाद विभिन्न कलाकारों के दलों के साथ पुष्पवर्षा के साथ गाजे बाजे के साथ यात्रा खोही तिराहा पहुंची। खोही तिराहे पर पादुका पूजन सांसद आरके पटेल, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, नगर पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता सहित, भाजपा अध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, कोआपरेटिव बैंक अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, भाजपा महासचिव आलोक पांडेय, डीएम, एसपी, पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव सहित हजारों लोगों ने किया। बरहा हनुमान जी तिराहे पर स्वागत अमित तिवारी, अरूण गुप्ता सहित सैकड़ों लोग ने किया। यात्रा पीलीकोठी तिराहे होते हुए चितरा पहुंची और फिर पर्यटक तिराहे पर स्वागत किया गया। देर शाम रामायण मेला भवन में जौनपुर, महोबा और झांसी से आए कलाकारों ने मंत्र मुग्ध किया तो बहु प्रतिभा संपन्न कलाकार सत्य नारायण मौर्य ने चित्रकारी के साथ भजनों की ताल पर लोगों को झुमा दिया। इसके पूर्व लोकप्रिय गायिका तृप्ति शाक्या ने अपने सुमधुर भजनों से समां बांध दिया। यात्रा रामायण मेला सीतापुर से मुख्यालय होते हुए पहाड़ी राजापुर होते हुए कौशांबी जिले से होते हुए प्रयागराज पहुंच गई।