ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ओडिशा के तट पर डीआरडीओ ने भारत की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल नाइट ट्रायल किया। रात में टेस्टिंग के पीछे वजह ये थी अंधेरे में सटीकता और मारक क्षमता की जांच की जाए। यह लॉन्चिंग भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड की निगरानी में हुई। यूजर ट्रायल का मतलब होता है कमांड में आए नए अधिकारियों को मिसाइल लॉन्चिंग की ट्रेनिंग दी गई।
पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक रेंज 350 किमी है। यह सिंगल स्टेज लिक्विड फ्यूल मिसाइल है। इसके ऊपरी हिस्से में 500 से 1000 किग्रा के पारंपरिक या परमाणु हथियार लगा सकते हैं। यह दुश्मन की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी को धोखा देने में सक्षम है। साल 2019 से अब तक पांचवीं बार इसका सफल यूजर नाइट ट्रायल किया गया है।
बैलिस्टिक मिसाइलों में सबसे छोटी और हल्की
पृथ्वी-2 मिसाइल भारत की सबसे छोटी और हल्की मिसाइल है। इसका वजन 4600 किलो व लंबाई 8.56 मीटर तथा व्यास 110 सेंटीमीटर है। पृथ्वी-2 मिसाइल में हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक, केमिकल वेपन और टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन लगा सकते हैं।
मिसाइल का इस्तेमाल वायुसेना के लिए
पृथ्वी-2 मिसाइल स्ट्रैप-डाउन इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम पर काम करती है। यानी सटीकता में 10 मीटर सर्कुलर एरर पॉसिबिलिटी है। इन्हें लॉन्च करने के लिए 8×8 टाटा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर की मदद ली जाती है। असल में पृथ्वी-2 मिसाइल का असली नाम एसएस-250 है। इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया था। जबकि पृथ्वी-1 को थल सेना और पृथ्वी-3 को नौसेना के लिए बनाया गया था।
इसी मिसाइल सिस्टम को बेस बनाकर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने प्रलय मिसाइल, पृथ्वी एयर डिफेंस (पीएडी) यानी प्रद्युम्न बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर का कॉन्सेप्ट बनाया, उसे साकार भी किया। प्रलय मिसाइल को भी चीन सीमा पर तैनात करने की हरी झंडी मिल गई है। जहां तक बात रही पीएडी की, तो ये ऐसी मिसाइल हैं, जो वायुमंडल के बाहर जाकर दुश्मन टारगेट को बर्बाद कर सकती हैं, वह भी 6147 किमी की गति से।
2019 का मिशन शक्ति
अंतरिक्ष में दुश्मन के सैटेलाइट को मार गिराने के लिए मार्च 2019 में किया गया मिशन शक्ति भी पृथ्वी मिसाइल की तकनीक पर ही बना है। एंटी-सैटेलाइट वेपन मिसाइल एक पृथ्वी मिसाइल का ही अपग्रेडेड वर्जन था जिसने अंतरिक्ष में एक पुराने निष्क्रिय सैटेलाइट को ध्वस्त किया था।
पृथ्वी-2 मिसाइल भारत की सबसे छोटी व हल्की मिसाइल है।
वजन 4600 किलो
लंबाई 8.56 मीटर
व्यास 110 सेमी
मारक रेंज 350 किमी
ऊपरी हिस्से में 500 से 1000 किग्रा के पारंपरिक या परमाणु हथियार लगा सकते है