संजय द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 में आए 35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति के अनुरूप विभिन्न विभागों ने सितंबर-अक्टूबर में प्रस्तावित पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के लिए 8 लाख करोड़ के 5 हजार से अधिक एमओयू को शॉर्टलिस्ट कर लिया है।
योगी सरकार ने जीबीसी के माध्यम से दस लाख करोड़ से अधिक के एमओयू को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत यूपीसीडा ने 40,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों को भूमि चिन्हित करवा दी है। पहली जीबीसी में 42,000 करोड़ के अन्य विभिन्न एमओयू के क्रियान्वयन की प्रक्रिया भी चल रही है। निवेशकों को जल्द भी भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी। मालूम हो कि यूपीसीडा को जीबीसी के लिए 1.6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंडिंग का लक्ष्य दिया गया है।
– जीबीसी में 42,000 करोड़ के अन्य एमओयू के क्रियान्वयन की प्रक्रिया भी चल रही है
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यूपीजीआईएस-2023 में 600 निवेशकों से कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन प्रस्तावों को पांच कैटेगरी, एमएसएमई (50 करोड़ रुपये तक), बड़े (50-200 करोड़ रुपये), मेगा (200-500 करोड़ रुपये), सुपर मेगा (500-5,000 करोड़ रुपये) और अल्ट्रा मेगा (5,000 करोड़ रुपये से अधिक) के वर्ग में बांटा गया है। इन एमओयू की समीक्षा के लिए तीन चरणों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। बुनियादी ढांचे को समय से बेहतर बनाने के लिए हर सेक्टर में काम किया जा रहा है। साथ ही निवेशकों की आवश्यकता के अनुसार भूमि माप कर उपलब्ध करायी जा रही है। पूरे प्रदेश में चार निवेशकों द्वारा सबसे अधिक चंदौली में 7,020 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जबकि अमेठी में 4,761 करोड़ रुपये के निवेश वाली 30 इकाइयां हैं। इनमें 41 निवेशक लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र मंे निवेश करेंगे जबकि 32 निवेशक निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करेंगे।