ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी। राम मंदिर का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। गर्भगृह के पिलर 14 फीट तक बनकर तैयार हो चुके हैं। तमाम प्रबंधों की देखरेख स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं।
मंदिर निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण अगस्त 2023 तक पूरा होगा। दूसरा चरण दिसंबर 2024 में जबकि 2025 तक मंदिर पूर्ण आकार ले चुका होगा। जनवरी 2024 में मंदिर में दर्शन-पूजन शुरू हो सकेगा। मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कुल 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
यूपी के मंत्री का भी ट्वीट
भारत ही नहीं दुनिया भर के रामभक्तों का लंबा इंतजार खत्म होने जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अगले साल 22 जनवरी को रामलला को स्थायी गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए कई तिथियों पर विचार किया गया। अंत में 22 जनवरी पर मुहर लगाई गई। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है।
– शालिग्राम शिला से श्रीराम की प्रतिमा गढ़ने का काम अक्टूबर तक पूरा होगा
– मंदिर के प्रथम तल पर होगा श्रीराम दरबार
– गर्भगृह का निर्माण अक्टूबर तक पूरा करने की योजना
– सोने के होंगे शिखर, आसन व दरवाजे
– रामनवमी पर रामलला के मस्तक पर होगा ‘सूर्य तिलक’
– गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 34 सीढ़ियों का इस्तेमाल होगा
गर्भगृह में मकराना मार्बल
चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह का निर्माण अक्टूबर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही नेपाल से लाई गई शालिग्राम शिला से भगवान की राम की प्रतिमा को गढ़ने का काम भी अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। गर्भगृह के निर्माण में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अयोध्या में ही बनेगी मूर्ति
चंपत राय ने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार होगा। दूसरा तल खाली रहेगा। इसकी उपयोगिता मंदिर की ऊंचाई के लिए होगी। गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 34 सीढ़ियों का इस्तेमाल किया जाएगा। चंपत राय ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में ही बनाई जाएगी और यह प्रतिमा पांच साल के बालक की होगी। उन्होंने बताया कि शिखर, आसन, दरवाजे में स्वर्ण का उपयोग भी किया जाएगा। रामलला को प्रतिदिन नया वस्त्र पहनाया जाता है। पुराने कपड़े शगुन के तौर पर लोग मांगते हैं और उन्हें उपलब्ध कराए जाते हैं।
सूर्य किरणों से अभिषेक
रामनवमी पर रामलला के मस्तक पर सूर्य किरणों का अभिषेक हो, इसके लिए भी वैज्ञानिकों की टीम ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसे ‘सूर्य तिलक’ नाम दिया गया है। तकरीबन पांच मिनट तक भगवान राम के ललाट पर सूरज की किरणें रहेंगी, इसकी व्यवस्था की जा रही है। यह प्रयोग सफल भी हो गया है।
बढ़ रही भक्तों की उत्सुकता
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसे लेकर राम भक्तों के बीच उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि रामलला की पुरानी और नई दोनों प्रतिमाओं को राम मंदिर में स्थापित करने की योजना है। बता दें कि कुछ अर्सा पूर्व राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए स्थापित ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी, 2024 के तीसरे सप्ताह में अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में भगवान राम लला की मूर्ति उनके मूल स्थान पर स्थापित करेंगे।
जनवरी माह में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया था कि मंदिर निर्माण का 60 प्रतिशत से अधिक कार्य संपन्न हो चुका है। मंदिर में 166 पिलर लगाए जा रहे हैं। इसमें भगवान के गर्भगृह सहित सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुड़ मंडप और दोनों तरफ कीर्तन मंडप बनाया जा रहा है।
श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीर्थ यात्री सेवा केंद्र बनाया जा रहा है। पहले चरण में बन रहे केंद्र में 25 हजार यात्री अपनी पेन, पर्स, बेल्ट, मोबाइल व मंदिर में प्रवेश के लिए प्रतिबंधित अन्य वस्तुएं सुरक्षित रख सकेंगे। वृद्ध एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए रैंप एवं तीन लिफ्ट भी होंगी। इसके अतिरिक्त दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे।
परिसर में पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। परिसर में 70 प्रतिशत ओपेन एरिया रखा गया है।
काशी के विद्वानों से मांगे थे मुहूर्त
प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने काशी के दिग्गज विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ से तीन मुहूर्त मांगे थे। 15 जनवरी से 25 जनवरी 2024 के भीतर यह मुहूर्त निकालने को कहा गया था। ट्रस्ट ने काशी के कई अन्य विद्वानों से भी प्राण प्रतिष्ठा की तीन शुभ तिथि मांगी थीं। विद्वानों द्वारा 22 जनवरी की तिथि को शुभ बताया गया । गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने फरवरी में भी एक मुहूर्त निकालकर ट्रस्ट को बताया था।
शिलान्यास का मुहूर्त भी निकाला था
बताते चलें कि ज्योतिषविद् आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने ही जन्मस्थान पर भगवान राम के भव्य मंदिर के शिलान्यास के लिए मुहूर्त निकाला था। इस मुहूर्त के समय ही पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान रामलला मंदिर की आधारशिला रखी थी। हालांकि ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इन संबंध में अधिक कुछ भी बताने से इंकार किया है।