रत्नज्योति दत्ता
पोखरण। यहां दो घंटे तक चले वायु शक्ति या ‘एयरपॉवर’ 2024 के दौरान पोखरण रेंज में भारत की युद्ध और हवाई हमले की क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। एयरशो ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की टैगलाइन – ‘टच द स्काई विद ग्लोरी’ पर भरोसा जताया। हमास के आतंकवादी हमले के बाद पिछले साल गाजा पट्टी पर इस्राइल द्वारा किए गए हवाई हमलों के टीवी दृश्यों के समान भारतीय वायुसेना की आक्रामक क्षमताओं को सहसंबंधित किया जा सकता है।
एयर शो दिन, शाम और रात में नकली युद्ध स्थितियों के तहत किया गया जिसमें दर्शकों ने दो किमी तक के लक्ष्यों को ध्वस्त होते देखा। भारतीय वायुसेना ने पोखरण में युद्ध और हवाई हमले की क्षमताओं के लिए 121 विमान प्रदर्शित किए, जो हाइड्रोजन और परमाणु बम सहित विभिन्न हथियारों के परीक्षण स्थल के रूप में राष्ट्र की रणनीतिक आकांक्षाओं से जुड़ा स्थान है। अभ्यास शाम 5 बजे के बाद शुरू हुआ जिसमें तीन चेतक हेलीकॉप्टर, राष्ट्रीय ध्वज और वायु सेना के ध्वज के साथ, पृष्ठभूमि में राष्ट्रगान बजते हुए ग्रैंडस्टैंड से गुजर रहे थे।
राफेल का ‘सोनिक बूम’
इस प्रदर्शन के बाद एक राफेल विमान ने बिल्कुल सही समय पर ‘सोनिक बूम’ उत्पन्न किया। इसके बाद दो जगुआर विमान निचले स्तर पर उड़ान भर रहे थे, और क्षेत्र की उच्च-निष्ठा वाली टोही तस्वीरें ले रहे थे। अभ्यास के दौरान दो वर्ग किमी के क्षेत्र में लगभग 50 मीट्रिक टन आयुध गिराया गया। कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि थे।
वायु कौशल प्रदर्शन
राफेल, एसयू-30 एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000, तेजस और हॉक जैसे वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने जमीन और हवा में दुश्मन के नकली ठिकानों काे पर सटीकता से नष्ट कर दिया।
तेजस की ‘स्विंग-रोल’ क्षमता
स्वदेश निर्मित तेजस विमान ने अपनी स्विंग-रोल क्षमता का प्रदर्शन किया और एक हवाई लक्ष्य को मिसाइल से नष्ट कर दिया, इसके बाद बमों से एक जमीनी लक्ष्य को नष्ट कर दिया। वायुसेना ने लंबी दूरी के मानवरहित ड्रोन का भी प्रदर्शन किया, जिसने सटीकता के साथ एक नकली दुश्मन रडार साइट को नष्ट कर दिया। राफेल ने दृश्य-सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल हमले का प्रदर्शन किया।
परिवहन विमानों ने भारी युद्धक सामग्री की डिलिवरी का प्रदर्शन किया। अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने पहली बार प्रदर्शन किया और इसमें एमआई-17 हेलीकॉप्टरों भी शामिल थे।
दुश्मन के लक्ष्य तबाह
संयुक्त अभियानों में भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-IV का हथियारयुक्त संस्करण शामिल था। पहली बार, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टरों ने भारतीय सेना के एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों को अंडरस्लंग मोड में एयरलिफ्ट करके तैनाती का प्रदर्शन किया।
आतंकवाद, उग्रवाद विरोधी अभियान
जैसे ही सूरज डूबा, एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा लाया गए गरुड़ ने ठिकानों को साफ़ करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियानों में कौशल का प्रदर्शन किया।
याद आया पाकिस्तान का एबटाबाद
इस अभ्यास ने 2011 में पाकिस्तान के शहर एबटाबाद में अमेरिकी नेवी सील्स के रात के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन की याद दिला दी। एयर शो में स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली, आकाश और एसएएमएआर मिसाइल प्रणालियों को भी प्रदर्शित किया गया।
‘प्रचंड’ की क्षमताएं
रात के कार्यक्रमों में पहली बार स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
एक जगुआर और एसयू-30 एमकेआई ने रात में भारी क्षमता और क्षेत्रीय हथियार गिराए, जिससे भारतीय वायु सेना की रणनीतिक बमबारी क्षमता का प्रदर्शन हुआ। दूर से संचालित विमान ने लक्ष्यों पर बम क्षति का आकलन किया, जिसे संचालन केंद्र और दर्शकों के लिए लाइव-स्ट्रीम किया गया।
पहली बार कराई गई चिनूक से भारी तोपों की लैंडिंग
– वायुशक्ति 2024 की थीम ‘आकाश से बिजली का प्रहार ‘
– दो घंटे की अवधि में दो वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में करीब 50 टन बम, मिसाइलें बरसाईं
– वायुसेना के 121 विमानों ने भाग लिया। राफेल, सुखोई -30 एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000, तेजस और हॉक विमानों की प्रहार क्षमता देखते ही बनती थी
– अभ्यास में जमीन और हवा में ‘दुश्मन’ के ठिकाने किए ध्वस्त
– रात में मारक क्षमता का प्रदर्शन