विनोद शील
नई दिल्ली। देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत का स्वर्ण युग है और देश 2047 तक विकसित भारत का इंतजार कर रहा है। अब तक के अपने सबसे लंबे 98 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने विकसित भारत के भविष्य का रोडमैप बताने के साथ-साथ सरकार के 10 साल के कामों पर अनेक महत्वपूर्ण बातें कीं। प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता दिवस 2024 पर जमकर गरजे। उन्होंने कहा, चाहे पर्यटन हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, एमएसएमई हो, परिवहन हो, खेती हो या कृषि क्षेत्र हो- हर क्षेत्र में एक नई आधुनिक व्यवस्था बनाई जा रही है। हम प्रौद्योगिकी के एकीकरण द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर आगे बढ़ना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि वो कानून जाे देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए। देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है। इसकी जरूरत सुप्रीम कोर्ट भी जता चुका है। गलत कानूनों के लिए आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं।
पीएम मोदी ने विकसित भारत के लिए एक नया मंत्र और मकसद भी दिया। पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ के कदमों को आगे बढ़ाते हुए देश को ‘डिजाइन इन इंडिया’, ‘डिजाइन फॉर द वर्ल्ड’ का नारा दिया है। इसका अर्थ है कि हम ‘डिजाइन इन इंडिया’ के अंतर्गत ऐसे प्रोडक्ट बनाएं जिसकी क्वालिटी बेस्ट हो और डिजाइन फॉर द वर्ल्ड के तहत दुनियाभर में आसानी से उसे स्वीकार किया जाए। तभी हम मैन्युफैक्चरिंग हब बन पाएंगे।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े कई अहम संदेश भी दिए। अपने भाषण में जहां उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत की उपलब्धियों की चर्चा की, वहीं कृषि और न्यायिक क्षेत्र में बदलाव को भी समय की जरूरत बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं। मोदी ने कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में वे जिन लोगों से मिले, उनमें से अधिकांश भारत में निवेश करना चाहते थे। उन्होंने कहा, भारत के पास वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनने का यह एक सुनहरा अवसर है। पीएम मोदी ने कहा कि अब देश में ऐसे उत्पाद बनाए जाने चाहिए जो गुणवत्ता की दृष्टि से श्रेष्ठ हों और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की जरूरत को समान रूप से पूरा कर सकें। भारत अपनी सर्वोत्तम गुणवत्ता के लिए पहचाना जाए, यह बहुत जरूरी है।
अब विश्व के लिए हमें डिजाइन के क्षेत्र पर बल देना है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें कोशिश करनी है कि भारतीय मानक, अंतरराष्ट्रीय मानक बनने चाहिए। जब भारतीय मानक, अंतरराष्ट्रीय मानक बनेंगे, तब हमारी हर चीज पर सरलता से मुहर लग जाएगी। यह हमारी उत्पादन की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा। हमारी सेवा की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमारे पास टैलेंट है। डिजाइन के क्षेत्र में हम दुनिया को बहुत कुछ नया दे सकते हैं। हमें अब ‘डिजाइन इन इंडिया’ (भारत में डिजाइन) ‘डिजाइन फॉर द वर्ल्ड’ (दुनिया के लिए डिजाइन) के सपने को लेकर आगे चलना है।
लाल किले के प्राचीर से अपने भाषण में वह देश में महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दे पर जमकर बरसे। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना है। पीएम मोदी के भाषण की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने ‘मेरे प्यारे देशवासियों’ ‘मेरे प्यारे परिवारजन’ के साथ देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले पर झंडा फहराया और कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य है, नेशन फर्स्ट, हम राजनीतिक लाभ के लिए काम नहीं करते। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं दीं और लिखा जय हिंद! उन्होंने देश को भाई-भतीजावाद से मुक्त करने के अपने प्रयास को दोहराते हुए एक लाख गैर-राजनीतिक युवाओं को जन प्रतिनिधि के रूप में राजनीति में लाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि आज भारत को ऐसा करने से जातिवाद और वंशवाद की राजनीति को खत्म करने में मदद मिलेगी। युवा अपनी पसंद की किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं, जरूरी नहीं कि कोई एक ही पार्टी हो।
पीएम मोदी ने रखा विकसित भारत का विजन
स्वतंत्रता दिवस पर इस बार उन्होंने 2047 तक देश को विकसित बनाने लिए अपना विजन जनता के सामने रखा। इस साल स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत @2047 है। बता दें कि ध्वजारोहण से पहले पीएम मोदी ने राजघाट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह लाल किला पहुंचे और ध्वजारोहण किया। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी के साथ थे।
‘भारत माता की जय’ के साथ पीएम मोदी ने कहा कि जन-जन की सेवा करना हमारा संकल्प है। जन-जन की सेवा से विकसित भारत बनाएंगे। हमने देश को नया आत्मविश्वास दिया है। इसलिए अगली पीढ़ी पर काम नहीं टाल सकते। आजादी के दीवानों को तहे दिल से नमन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा कर रहे हैं, ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, चाहे वे किसान हों, जवान हों, हमारे नौजवानों का हौसला हो, दलित हो पीड़ित हों, वंचित हों; लोकतंत्र के प्रति उनकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए एक प्रेरक घटना है। मैं आज ऐसे सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।’
भारत इंडस्टि्रयल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा
पीएम मोदी देश के उद्योग जगत के लिए भी खुशखबरी लाए। उन्होंने कहा, ‘वो दिन दूर नहीं जब भारत इंडस्टि्रयल मैन्युफैक्चरिंग का हब होग। विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं। मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि आप निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए।
भ्रष्टाचार की दीमक को खत्म करना होगा
पीएम मोदी लाल किले से भ्रष्टाचार पर कहर बनकर टूटे। कहा, सभी देशवासी भ्रष्टाचार की दीमक से परेशान हैं। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है। मैं जानता हूं, इसकी कीमत मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को चुकानी पड़ती है लेकिन राष्ट्र से बड़ी मेरी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती और राष्ट्र के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो सकता। वहीं उन्होंने देश की प्रगति को रोकने वाले लोगों पर भी प्रहार किया।
युवाओं को विदेश जाने की मजबूरी नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से युवाओं के लिए नया वादा किया है। उन्होंने कहा कि अब हमारे मिडिल क्लास के युवाओं को पढ़ाई के विदेश नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में 75 हजार मेडिकल की सीटें बढ़ाई जाएंगी।
पीएम मोदी का इन बातों पर रहा फोकस
पीएम मोदी ने लगभग 98 मिनट तक देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा सरकार की जिस प्राथमिकताओं पर जोर दिया उसमें विकसित भारत 2047 पर जोर रहा। उन्होंने बांग्लादेश को आगे की विकास की मदद, पाकिस्तान को इशारों-इशारों में चेताया। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार (बलात्कार), देश को इंडस्टि्रयल हब, गेमिंग में भारत के फ्यूचर को बढ़ाने, 6जी नेटवर्क, भारत न्याय संहिता, सेक्यूलर सिविल कोड से बातों पर फोकस किया। उन्होंने बिहार के नालंदा यूनिवर्सिटी पर भी फोकस किया।
जीवाईएएन का समारोह में बोलबाला
11 श्रेणियों के तहत 18 हजार मेहमान आकर्षण का रहे। खास बात यह है कि इनमें से 6 हजार खास मेहमान महिला, किसान, युवा और गरीब वर्ग के थे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभर से तमाम मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। मेहमानों की लिस्ट में जीवाईएएन यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को खासतौर पर शामिल किया गया। साथ ही केंद्र सरकार ने इस साल पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले सभी एथलीट को भी सम्मानपूर्वक स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए न्योता दिया था।
मैटरनिटी लीव
पीएम मोदी ने कहा, पेड मैटरनिटी लीव का विस्तार केवल महिलाओं के सम्मान के लिए ही नहीं किया गया, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए सोच-समझकर लिया गया है कि मां की देखरेख में बच्चा एक आदर्श नागरिक बने।
राक्षसों को जल्द कड़ी सजा दें, खौफ जरूरी
पीएम मोदी कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या को लेकर काफी व्यथित दिखे। उन्होंने कहा कि हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति देश भर की जनता में आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।
रक्षा बजट पर बोले पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को रक्षा में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। हमारी आदत हो गई थी कि रक्षा बजट कितना ही क्यों न हो, लेकिन कभी ये नहीं समझ में आता था कि ये पैसे जाते कहां है? हमारा रक्षा बजट विदेशों से सेना के सामानों की खरीद में चला जाता था। अब हम चाहते हैं कि हम आत्मनिर्भर बनें।
यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूसीसी पर चर्चा की है। अनेक बार आदेश दिए हैं क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और एक सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं वह एक कम्युनल सिविल कोड है। यह भेदभाव करने वाला सिविल कोड है।
हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है
पीएम ने देश की चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि चुनौतियां हैं, देश के भीतर भी हैं और बाहर भी। मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी विश्व को युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।
पड़ोसी देश को पीएम मोदी की मदद का वादा
उन्होंने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना वाजिब है। मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे। खासकर 140 करोड़ देशवासियों की चिंता कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमेशा शुभचिंतक ही रहेगा।
हम अभी से 6 जी पर मिशन मोड में
पीएम मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान के लगभग सभी क्षेत्रों में 5जी पहुंच गया है। हम अभी से 6जी पर मिशन मोड में काम कर रहे हैं। भविष्य के साथ सेमीकंडक्टर जुड़ा हुआ है। हमने सेमीकंडक्टर मिशन पर काम शुरू किया, अब सेमीकंडक्टर का उत्पादन भी भारत में होगा। हम एंड-टू-एंड समाधान विश्व को देने का सामर्थ्य रखते हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘देशवासियों का ये भरोसा सिर्फ इंटेलेक्चुअल डिबेट नहीं है, ये अनुभव से निकला है। ये विश्वास लंबे कालखंड के परिश्रम की पैदावार है। इसलिए देश का सामान्य नागरिक याद करता है कि जब लाल किले से कहा जाता है कि देश के 18 हजार गांवों में समय सीमा में बिजली पहुंचाएंगे और वो काम हो जाता है, तब ये भरोसा मजबूत हो जाता है।
हम भारतीय हैं यही हमारी ताकत है- पीएम मोदी
हम भारतीय हैं यही हमारी ताकत है। हर घर तिरंगा से यह लगता है हमारी दिशा सही है। जनता ने हमको लगातार तीसरी बार चुना है। हमारा उद्देश्य है कि सरकार का दखल आम आदमी के जीवन में कम हो और हम आम जनता को कानून के जाल से बचाने के लिए लगातार काम करें।
हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं
हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना। इसलिए मैं कह सकता हूं कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश को आजादी तो मिली लेकिन एक प्रकार से माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा। सरकार के पास मांगते रहो, हाथ फैलाते रहो, सिफारिश के रास्ते खोजते रहो, वही कल्चर डेवलप होता था। हमने इस कल्चर को बदला है। हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थी-हितार्थी के पास जाती है। आज सरकार खुद उसके घर जाती है, गैस का चूल्हा पहुंचाती है। उसके घर पानी पहुंचाती है। बिजली पहुंचाती है। आज सरकार खुद उसे आर्थिक मदद देकर विकास के नए आयामों को छूने के लिए प्रेरित करती है। आज सरकार खुद नौजवान के स्किल डेवलपमेंट के लिए अनेक कदम उठा रही है। हमारी सरकार बड़े रिफॉर्म के लिए प्रतिबद्ध है।
सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो युवाओं का सीना गर्व से भरता है
कोरोना के संकटकाल को नहीं भूला जा सकता है। यही वो देश है, जहां जब आतंकवादी हमले करके चले जाते थे। जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है। जब सेना एयरस्ट्राइक करती है तो युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है। यही बातें हैं जो देशवासियों के मन को गर्व से भरती हैं।
15 करोड़ परिवारों को मिला जल जीवन मिशन का लाभ
तीन करोड़ परिवारों को नल से जल मिल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ परिवारों को नल से जल पहुंच रहा है। 15 करोड़ परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। गरीब, दलित, पीड़ित, आदिवासी भाई-बहन ही इन चीजों के अभाव में जी रहे थे।
पूर्वजों पर हमें गर्व है
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम जरा आजादी से पहले के वे दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, बुजुर्ग हो, किसान हो, महिला हो, आदिवासी हो; वे गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। 1857 से पहले भी कई आदिवासी क्षेत्रों में आजादी के लिए जंग लड़ी जा रही थी। गुलामी का इतना लंबा कालखंड, जुल्मी शासक, सीमा विहीन यातनाएं, सामान्य से सामान्य मानव का विश्वास तोड़ने की हर तरकीब लेकिन इसके बावजूद भी उस समय की आबादी के हिसाब से 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, सामर्थ्य दिखाया, एक सपना लेकर चले, एक संकल्प लेकर चलते रहे। एक ही श्रद्धा थी, वंदेमातरम। एक ही सपना था आजादी का। हमें गर्व है वे हमारे पूर्वज थे। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंक दिया था। गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था।
‘2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर हमारे पूर्वज, जिनका खून हमारी रगों में है, आज हम तो 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ लोग आजादी के सपने को पूर्ण कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ें, एक दिशा निर्धारित कर लें, कदम से कदम और कंधा से कंधा मिलाकर चलें तो चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, अभाव की मात्रा कितनी ही तीव्र क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो; तब भी हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्ध भारत बना सकते हैं। हम 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
विकसित भारत 2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज ये समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का। विकसित भारत 2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं। हर देशवासी का सपना, संकल्प इसमें प्रतिबिंबित हो रहा है। करोड़ों देशवासियों ने, 2047 में जब देश आजादी की 100 वीं सालगिरह मनाएगा, तब तक विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं।
कई लोगों ने सुझाव दिया कि देश में स्थानीय स्वराज की इकाइयों में सुधार की जरूरत है। कई लोगों ने लिखा कि कई ग्रीन फील्ड सिटी बनाना समय की मांग है। शासन-प्रशासन में कैपेसिटी बिल्डिंग बढ़ाने का सुझाव दिया। किसी ने कहा कि भारत को पारंपरिक चिकित्सा के हब के तौर पर विकसित होना चाहिए। ये देश के सामान्य नागरिकों ने हमें सुझाव दिए हैं। जब देशवासियों की सोच इतनी विशाल हो, देशवासियों के इतने बड़े सपने हों, बातों में संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया संकल्प दृढ़ बन जाता है। आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।’
‘वोकल फॉर लोकल अर्थतंत्र के लिए नया मंत्र बन गया’
पीएम मोदी ने कहा, हमने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया था, आज हमें खुशी है कि वोकल फॉर लोकल अर्थतंत्र के लिए नया मंत्र बन गया है। हर डिस्ट्रिक्ट अपने पैदावार पर गर्व करने लगा है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट का माहौल बना है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट को अब वन डिस्ट्रिक्ट का वन प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कैसे हो, उस दिशा में हर जिला सोचने लगा है।’
अनावश्यक कानूनों को हमने खत्म किया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने लाल किले से अपनी सरकार के किए गए कार्यों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि रीन्यूएबल एनर्जी का संकल्प लिया था। जी-20 के देशों ने जितना किया है, उससे ज्यादा भारत ने किया है। और भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए, ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंताओं से मुक्ति पाने के लिए काम किया है। देश गर्व करता है आज जब फिनटेक की सफलता को लेकर पूरा विश्व भारत से कुछ सीखना-समझना चाहता है, तब हमारा ये गर्व और बढ़ जाता है।
– एक लाख गैर-राजनीतिक युवा राजनीति में आएं
– कुछ लोग देश की प्रगति देख नहीं सकते
– चुनौतियां देश के भीतर भी और बाहर भी
आपने जो मुझे तीसरी बार आशीर्वाद दिया…पीएम मोदी ने बताया टारगेट
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ। कभी आतंकवादी हमारे देश में आकर हमें मारकर चले जाते थे, जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, जब देश की सेना एयर स्ट्राइक करती है तो देश के नौजवानों का सीना गर्व से भर जाता है। आपने जो मुझे तीसरी बार आशीर्वाद दिया है, उसमें सिर्फ एक संदेश है जन-जन की सेवा, जो हो गया है उससे संतोष मान कर बैठने वालों में हम नहीं है।
पीएम मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र में रिफॉर्म का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि जब रिफॉर्म की बात आती है तो एक लंबा परिवेश है। अगर चर्चा में लग जाऊं तो घंटों निकल जाएंगे। बैंकिंग क्षेत्र में रिफॉर्म को ही देख लीजिए। आप सोचिए, बैंकिंग क्षेत्र का क्या हाल था। न विकास होता था, न विस्तार होता था, न विश्वास बढ़ता था। इतना ही नहीं, जिस प्रकार के कारनामे चले, उसके कारण हमारे बैंक संकट से गुजर रहे थे। हमने संकट से उबारने के लिए कई रिफॉर्म किए और आज उसके कारण हमारे बैंक देश के कुछ गिने-चुने मजबूत बैंकों में अपना स्थान बना चुके हैं। जब बैंक मजबूत होते हैं तो फॉर्मल इकॉनमी की ताकत बढ़ जाती है।
प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ी’
पीएम बोले, प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ती जा रही है। अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं। संपत्ति खोई है। राष्ट्र ने भी नुकसान झेला है। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि देश इस संकट की घड़ी में उनके साथ है।
देशवासी भारत को कैसा देखना चाहते हैं, पीएम मोदी ने पढ़कर सुना दी लिस्ट
प्रधानमंत्री ने कहा- विकसित भारत के लिए सरकार ने आम नागरिकों से सुझाव मांगा और लोगों ने ये सुझाव दिए-
– भारत दुनिया का स्किल कैपिटल बने
– भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बने
– भारतीय यूनिवर्सिटीज ग्लोबल बने
– भारत का मीडिया ग्लोबल बने
– भारत के स्किल्ड युवा विश्व की पहली पसंद बनें
– भारत जल्द से जल्द जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने
– सुपरफूड को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है, विश्व को पोषण देकर भारत के छोटे किसानों को समृद्ध बनाया जाए
– छोटी इकाइयों में शासन-प्रशासन को दुरुस्त किया जाए
– न्याय में विलंब हो रहा है, यह चिंताजनक है; हमारे देश की न्याय व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है
– बढ़ती आपदाओं के बीच शासन-प्रशासन के लिए अभियान चले
– अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन बने
– भारत की पारंपरिक औषधियां और वेलनेस हब के रूप में विकसित हो
– भारत को जल्द से जल्द तीसरी बड़ी इकॉनमी बननी चाहिए