विनोद शील
नई दिल्ली। इस्राइल में आतंकवाद का एक नया, घिनौना, क्रूर और खूंखार चेहरा देखने को मिला है जिसने मानवीय मूल्यों को तार-तार कर सारी हदों को लांघ दिया है। इस्राइल में हमास के अंधाधुंध हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस्राइल में आतंकी हमलों की वारदात से उन्हें गहरा आघात लगा है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करता है। पीएम मोदी ने पीड़ितों और प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए कहा कि इस्राइल में गंभीर मानवीय संकट के इस दौर में भारत, इस्राइल की जनता के साथ मजबूती से खड़ा है।
पीएम मोदी की आतंकवाद के ख़िलाफ नीति और नीयत में कोई बदलाव नहीं आया है। मोदी भारत में ही नहीं दुनिया के किसी भी कोने में पनपने वाले किसी भी तरह के आतंकवाद का जड़ से सर्वनाश करने के पक्ष में हैं। इसके लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं और उन्होंने इसका एलान हर अंतरराष्ट्रीय मंच से किया है। पीएम मोदी ने आतंकवादी हमले के खिलाफ इस्राइल को खुला व मजबूत समर्थन देकर सारी दुनिया को दिखा दिया है कि भारत आतंकवाद के विषैले फन को कुचलने में कोई हिचकिचाहट और समझौता नहीं करेगा।
मोदी के इस्राइल को समर्थन के बयान के चंद मिनटों बाद ही इस्राइल ने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। पीएम मोदी ने भी इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक्स पर धन्यवाद दिया कि मुश्किल समय में भी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फोन कर मुझे पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इस्राइल पर हमास के रॉकेट हमले और इस्राइल की प्रतिक्रिया के बाद दुनिया दो खेमों में बंट गई है। अधिकतर मुस्लिम देश जहां फिलिस्तान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं तो वहीं पश्चिमी देश इस्राइल के पक्ष में हैं। यह संघर्ष ऐसे समय में आया है जब नई दिल्ली क्षेत्रीय गठबंधनों और राजनयिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ मिडिल ईस्ट में एक बड़ी भूमिका पर जोर दे रहा है। इस्राइल के शहरों पर हमास के रॉकेट हमले की खबरों के बीच पीएम मोदी पहले भी प्रतिक्रिया दे चुके हैं कि वह आतंकवादी हमलों की खबर से गहरे सदमे में हैं।
विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान तो सामने नहीं आया पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और मंत्रालय के हैंडल से सिर्फ प्रधानमंत्री की पोस्ट को रीट्वीट किया गया है। वैसे इस मामले को लेकर दुनिया की राय दो हिस्सों में बंटी हुई है लेकिन हमास के हमलों के क्रूर तरीके ने यह साफ कर दिया है कि अब दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट होना ही पड़ेगा नहीं तो इसके दुष्प्रभावों से कोई बच नहीं पाएगा। साथ ही दोहरे मानदंड भी छोड़ने होंगे क्योंकि कनाडा, ब्रिटेन व अमेरिका भी उन देशों में हैं जहां खालिस्तानी आतंकवादियों को विचार अभिव्यक्ति के नाम पर भारत के खिलाफ छूट दी जा रही है।
इस मामले पर एशिया में भारत के अलावा चीन ने कहा है कि इस्राइल के शहरों पर हमास के हमले व हिंसा से वह गहरी चिंता में है। हालांकि तेल अवीव और बीजिंग के बीच कोई विशेष द्विपक्षीय समस्याएं नहीं हैं पर बीजिंग ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में इस्राइल की निर्माण गतिविधियों का विरोध किया है। पाकिस्तान ने फिलिस्तीन को समर्थन दिया है।
दरअसल भारत-इस्राइल और भारत-फिलिस्तीन संबंधों के बीच प्रधानमंत्री मोदी का बयान कई मायनों में अहम है क्योंकि भारत फिलिस्तीन के साथ भी काफी गहरे संबंध साझा करता है। हमास के कब्जे वाली विवादित धरती से इस्राइल पर हुए रॉकेट हमलों के मामले में पीएम मोदी ने हमास का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने इसे ‘आतंकी हमला’ जरूर करार दिया।
मोदी के बयान के केवल छह मिनट बाद इस्राइल ने कहा- शुक्रिया
विशेष बात यह रही कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया के कुछ ही मिनट बाद इस्राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने पीएम मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारत का नैतिक समर्थन काफी अहम और हमारे लिए विशेष महत्व रखता है।
पीएम मोदी का बयान शनिवार शाम 4.44 बजे आया और इसके सिर्फ 6 मिनट बाद नाओर गिलोन ने शाम करीब 4.50 बजे यह ट्वीट किया।
भारत से मिले हजारों संदेशों पर इस्राइल का आभार
भारत में इस्राइल के महावाणिज्य दूत कोबी शोशानी ने हमास के अंधाधुंध रॉकेट हमलों के बाद कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व के नेता हैं, संकट के इस समय में भारत से इस्राइल को हजारों संदेश मिले हैं। उन्होंने भारत के रुख पर कहा, ”मैं उन हजारों संदेशों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो मुझे सुबह से भारत के लोगों से मिले व इस तरह से इस्राइल राज्य के समर्थन से मेरा दिल खुश हो गया है।” कोबी शोशानी ने कहा, इस्राइल की जनता का दिन आज बहुत दुखद रहा है। इस्राइल की संप्रभुता पर हमला किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में भारत सरकार का रुख महत्वपूर्ण है। देश के रूप में भारत बहुत महत्वपूर्ण है। एक मित्र और एक भाई के रूप में…।
भारतीयों को लाने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’
इस्राइल और हमास के बीच जंग में फंसे 20 हजार से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए विशेष चार्टर विमान और अन्य जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि उन्हें युद्ध क्षेत्र से बिना किसी परेशानी से स्वदेश लाया जा सके।
इस्राइल पर हमास के हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम लगातार पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के संपर्क में हैं। इस्राइल में नरसंहार हुआ है। वहां एक हजार लोगों की नृशंस हत्याएं की गई हैं। आतंकियों ने बच्चों को भी नहीं बख्शा।
इस्राइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम इस कठिन समय में इस्राइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं। – पीएम नरेंद्र मोदी
हम किसी ऑपरेशन या राउंड में नहीं, बल्कि युद्ध में हैं। आज सुबह, हमास ने इस्राइल के राज्य और उसके नागरिकों के खिलाफ जानलेवा हमला किया। – पीएम बेंजामिन नेतन्याहू