ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की उस प्रशिक्षु डॉक्टर का नाम, फोटो और वीडियो सभी सोशल मीडिया मंच से हटाने का आदेश दिया, जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यौन उत्पीड़न की पीड़िता की पहचान का खुलासा निपुण सक्सेना मामले में पारित उसके आदेश का उल्लंघन है। पीठ ने कहा, ‘पीड़िता के शव की तस्वीरों और वीडियो क्लिप का सोशल मीडिया पर प्रसार हो रहा है, हम निर्देश देते हैं कि पीड़िता के नाम, फोटो और वीडियो क्लिप को सभी सोशल मीडिया मंच से तुरंत हटाया जाए।’ पीठ वकील किन्नोरी घोष और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इससे पहले दिन में न्यायालय ने कहा कि वह इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पीड़िता, जिस पर हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, उसका नाम सभी सोशल मीडिया मंचों पर प्रकाशित किया गया।
निपुण सक्सेना (मामले) जैसे न्यायालय के निर्णय है कि यौन उत्पीड़न पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किए जाएंगे।’ निपुण सक्सेना मामले में, 2018 के शीर्ष अदालत ने कहा था, ‘कोई भी व्यक्ति प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया आदि में पीड़िता का नाम नहीं छाप या प्रकाशित कर सकता, या ऐसा तरीका नहीं अपना सकता जिससे पीड़िता की पहचान का खुलासा हो सकता हो, या उसकी पहचान का व्यापक स्तर पर लोगों को पता चल जाए।’