डॉ. सीमा द्विवेदी
नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी मिशन में इंदौर, सूरत, आगरा, वाराणसी सहित 32 शहर ऐसे हैं, जिन्होंने दूसरे फंड से पैसे निकालकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लगा दिए जबकि 11 शहरों ने आवंटित बजट से भी दोगुना खर्च कर डाला। इन्होंने अमृत, हृदय, स्वच्छ भारत मिशन, मेक इन, डिजिटल इंडिया, पीएम आवास योजना जैसी केंद्र व राज्य सरकार की अन्य योजनाओं, कर्ज और निजी भागीदारी से पैसा जुटाया। अच्छी बात ये है कि जिन शहरों ने बिना रुके पैसा जुटाया, वे ही स्मार्ट सिटी मिशन के ज्यादातर पुरस्कार जीतते आ रहे हैं।
अगले 9 महीने में मिशन खत्म हो रहा है, लेकिन अभी भी देश में स्मार्ट सिटी का 23 प्रतिशत काम होना बाकी है। हालांकि 100 में से 35 शहर 90 फीसदी तक काम पूरा कर चुके हैं। इनमें भी 8 काम 100 फीसदी पूरे हो गए हैं।
वहीं 8 काम ऐसे हैं, जिन पर आवंटित बजट का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं हुआ। 26 शहरों में 50 से 75 प्रतिशत और 31 में 75 से 90 फीसदी काम हो चुका है। काम की हालत ये भी है कि 22 शहरों ने आज तक सालाना इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड के लिए नामांकन नहीं करवाया है।
सभी 100 शहरों में कमांड सेंटर बने
मिशन डायरेक्टर कुणाल कुमार ने बताया कि 66 शहर 5 लाख से भी कम आबादी वाले हैं। इनकी आर्थिक स्थिति भी अलग है।
फिर भी सभी 100 शहरों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बन चुके हैं। यहीं से शहर के परिवहन, यातायात, पानी, बिजली वितरण, कूड़े के निपटान जैसी जनसुविधाओं की निगरानी और नियंत्रण हो रहा है। एक हजार से ज्यादा पार्क, साइकिल ट्रैक, सरपट सड़कें बन चुकी हैं।
11 शहर जिन्होंने सबसे ज्यादा फंड एकत्र किया | |
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श्रीनगर | 2,896 |
इंदौर | 2,766 |
जम्मू | 2,642 |
औरंगाबाद | 2,617 |
बेलागावी | 2,464 |
वाराणसी | 2,450 |
अहमदाबाद | 2,374 |
नासिक | 2,348 |
चंडीगढ़ | 2,273 |
भोपाल | 2,165 |
जयपुर | 2,529 |
वो 8 शहर… जहां 50 प्रतिशत से भी कम हुआ खर्च | |
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भोपाल | 990 |
कोयंबटूर | 980 |
सालेम | 965 |
इंदौर | 940 |
पुणे | 930 |
पिंपरी-चिंचवड़ | 930 |
गुवाहाटी | 512 |
चंडीगढ़ | 2,273 |
जयपुर | 869 |
8 शहर जहां इतना हुआ विकास कार्य | |
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नासिक | 49.35 प्रतिशत |
पटना | 48.60 प्रतिशत |
अटल नगर | 44.14 प्रतिशत |
बिहार शरीफ | 39.75 प्रतिशत |
श्रीनगर | 39.68 प्रतिशत |
आइजॉल | 39.53 प्रतिशत |
दीव | 39.45 प्रतिशत |
पुड्डुचेरी | 17.52 प्रतिशत |
श्रीनगर ने ज्यादा पैसा जुटाया, काम कम
क्या है स्मार्ट सिटी मिशन
जनवरी 2016 से 2018 के बीच 100 शहर स्मार्ट बनाने के लिए चुने गए। इन्हें 5 साल में 500-500 करोड़ सरकार ने दिए। दो बार डेडलाइन बढ़ी। अब जून 2024 है।