ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मानसूनी बारिश से आने वाले दिनों में देशभर में प्याज का संकट खड़ा हो सकता है। इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार अभी से सतर्क हो गई है और प्याज की भंडारण सीमा तय कर सकती है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस साल अच्छी फसल के बावजूद, देश की बड़ी मंडियों में रोजाना प्याज के कम ट्रक आ रहे हैं। महाराष्ट्र के नासिक में प्याज के हब से आपूर्ति सामान्य से कम रही है। संभवतः ऐसा इसलिए है, क्योंकि किसान सितंबर-अक्टूबर के दौरान उच्च कीमतों की उम्मीद में स्टॉक को रोके हुए हैं, जैसा कि हर साल होता है।
इससे यह आशंका बढ़ गई है कि आने वाले हफ्तों और महीनों में कीमतें आसमान छू सकती हैं। हालांकि, स्थिति अभी चिंताजनक नहीं है लेकिन सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। अगर प्याज की आपूर्ति में सुधार नहीं होता है तो सरकार व्यापारियों से अपने स्टॉक की घोषणा करने को कह सकती है। अगर यह कदम विफल रहता है तो सरकार स्टॉक सीमा लागू कर सकती है।
कीमतों में जोरदार उछाल
बीते 15 दिनों में प्याज की औसत कीमतों में 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य एक साल पहले की तुलना में 69.5 प्रतिशत अधिक है।
इन प्रमुख मंडियों से आपूर्ति
गौरतलब है कि उत्तर भारत में बिकने वाला ज्यादातर प्याज नासिक, पुणे और अहमदनगर की मंडियों से आता है।



















