नई दिल्ली। पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ का नया नाम दे दिया गया है। लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष, भूखंड संख्या 116, नई दिल्ली में स्थित भवन, जिसे पहले संसद भवन कहा जाता था, को आज से ‘संविधान सदन’ के रूप अधिसूचित किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने सुझाया नया नाम
सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से पुराने संसद भवन की गरिमा और महत्व को बरकरार रखने का अनुरोध करते हुए यह नाम रखने का सुझाव दिया था।
श्रीयंत्र से प्रेरित है नया संसद भवन
संसद का नया भवन वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय तक भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की कहानियां चित्रित करता है। नये भवन के ‘कांस्टीट्यूशन हॉल’ में लोकतंत्र की विकास यात्रा को विभिन्न वस्तुओं और चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। नया भवन श्रीयंत्र से प्रेरित है जिसका इस्तेमाल हिंदू परंपराओं में पूजा के लिए होता है। इसके कांस्टीट्यूशनल हॉल में भारतीय संविधान की एक डिजिटल प्रति रखी गयी है। इसमें फूको लोलक (फौकॉल्ट पेंडुलम) भी रखा गया जो पृथ्वी के परिक्रमण को दर्शाता है।
यह लोलक ‘कांस्टीट्यूशनल हॉल’ की त्रिभुजाकार छत से एक बड़े स्काईलाइट से लटका है और ब्रह्मांड के साथ भारत के विचार को झलकाता है। दोनों सदनों में डिजिटल मतदान प्रणाली, आधुनिक दृश्य-श्रव्य प्रणाली के साथ बेहतर ध्वनि अनुकूल व्यवस्था है। तीन खंडों में महात्मा गांधी, चाणक्य, गार्गी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बीआर आंबेडकर के साथ ही कोणार्क के सूर्य मंदिर में स्थित सूर्य चक्र की बड़ी कांस्य छवियां हैं।