आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारत अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीद रहा है। 25,955 करोड़ रुपए से ज्यादा की डील है। ये सभी ड्रोन्स भारत की तीनों सेनाओं को मिलेंगे। इस डील के साथ अमेरिका ने एक नया प्रस्ताव भी दिया है। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत को ताकतवर स्वदेशी ड्रोन बनाने में तकनीकी सलाह और मदद करेगा।
रक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस प्रस्ताव से भारत को अपना खतरनाक स्वदेशी ड्रोन बनाने में मदद मिलेगी। फिलहाल जो ड्रोन्स अमेरिका से आएंगे, उनकी तैनाती कुल चार स्थानों पर होगी। चेन्नई में आईएनएस राजाजी, गुजरात के पोरबंदर में इनका संचालन भारतीय नौसेना करेगी। वायुसेना और आर्मी इन्हें गोरखपुर और सरसावा एयरफोर्स बेस पर संचालित करेंगी क्योंकि इतना लंबा रनवे यही है।
गोरखपुर और सरसावा बेस से चीन के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर निगरानी रखना आसान हो जाएगा।
समुद्री इलाकों की निगरानी
15 ड्रोन्स समुद्री इलाकों की निगरानी के लिए होंगे। बाकी चीन और पाकिस्तान की सीमाओं की निगरानी के लिए तैनात किए जाएंगे। पीओके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए भारतीय सेना या वायुसेना को वहां जाने की जरूरत नहीं, प्रीडेटर मिसाइल यह काम आसानी से कर देगा।
अलकायदा सरगना को इसी ने किया था ढेर
इसी ड्रोन से अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मारा गया था। अमेरिका इसे हंटर-किलर यूएवी कहता है। यह एक लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है जो हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है।
रिमोट से उड़ाया जाता है
एमक्यू 9 प्रीडेटर रिमोट से उड़ाया जाता है। इसे अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स बनाती है। यह किसी भी तरह के मिशन के लिए भेजा जा सकता है। जैसे- सर्विलांस, जासूसी, सूचना जमा करना या फिर दुश्मन के ठिकाने पर चुपके से हमला करना। ज्यादा समय तक और ज्यादा ऊंचाई से निगरानी करने में सक्षम है।
1900 किमी की रेंज, 1700 किलो के हथियारों के साथ उड़ान
इसकी रेंज 1900 किमी है। यह अपने साथ 1700 किलो वजन का हथियार लेकर जा सकता है। इसे दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स ग्राउंड स्टेशन पर बैठकर वीडियो गेम की तरह इसे चलाते हैं। इस ड्रोन की लंबाई 36.1 फीट, विंगस्पैन 65.7 फीट, ऊंचाई 12.6 फीट होती है। ड्रोन का खाली वजन 2223 किलो होता है।
ईंन्धन क्षमता
ड्रोन में 1800 किलोग्राम ईंन्धन की क्षमता होती है। इसकी गति 482 किमी है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन को देखकर उस पर मिसाइल से हमला कर सकता है। आमतौर पर 25 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया जाता है।
मिसाइल लगाएं या बम, या दोनों
एमक्यू 9 प्रीडेटर पर हथियारों के नाम पर मिसाइल लगाए जाते हैं। इसमें सात हार्ड प्वाइंट होते हैं, दो इनबोर्ड स्टेशन, दो मिडल स्टेशन एक आउटबोर्ड स्टेशन और सेंटर स्टेशन. इसमें 4 एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलें लगी होती हैं, ये हवा से जमीन पर सटीकता से हमला करती हैं।
इसके अलावा दो लेजर गाइडेड जीबीयू-12 पेववे-2 बम भी लगाए जाते हैं। इन दोनों के बजाय आप इस ड्रोन पर अलग-अलग तरीके के हथियारों का उपयोग कर सकते हैं जैसे- जीबीयू-38, जो एक ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक एम्यूनिशन है। इसके अलावा ब्रिमस्टोन मिसाइल भी लगाई जा सकती हैं। सभी मिसाइलों और बमों का उपयोग जरूरत के मुताबिक होता है।