दीपक द्विवेदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनने पर देशवासियों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार की जिम्मेदारी तीन गुना बढ़ गई है, वे अब तीन गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना परिणाम देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि देश को नई सरकार से बहुत उम्मीदें हैं और उन्होंने नए चुने गए सांसदों से अपील की कि वे इस अवसर का उपयोग सार्वजनिक कल्याण और जनहित के लिए करें।
पीएम मोदी ने 24 जून को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के प्रारंभ होने से पूर्व जो संबोधन किया, वह 2019 के उनके संबोधन से काफी अलग था। इस बार की लोकसभा में 2014 और 2019 की अपेक्षा विपक्ष काफी मजबूत स्थिति में है। पीएम मोदी के संबोधन में इस बार विपक्ष के लिए अधिक कुछ नहीं कहा गया। संसद के पहले सत्र के आरंभ से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि लोग विपक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखते हुए अपनी पूरी भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अपील की कि वह 140 करोड़ लोगों के विश्वास को मजबूत करने और एक विकसित भारत का सपना पूरा करने में सरकार का सहयोग करे।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर गर्व और खुशी व्यक्त की। स्वतंत्रता के बाद पहली बार नए संसद भवन में 18वीं लोकसभा के सत्र का शुभारंभ हुआ। उन्होंने इस संसद के गठन को आम जन के संकल्पों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और कहा कि यह नए उत्साह के साथ नई गति और ऊंचाई हासिल करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
-विकसित भारत का सपना पूरा करने में विपक्ष करे सहयोग
-सार्वजनिक कल्याण, जनहित के लिए करें काम
– तिबारा चुनने के लिए जताया नागरिकों का आभार
प्रधानमंत्री ने तीसरी बार सरकार चुनने के लिए नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और सरकार की नीतियों और जनसेवा के प्रति समर्पण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्षों में हमने एक परंपरा स्थापित करने की कोशिश की है क्योंकि हमारा मानना है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बेहद महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा कि 50 साल पहले आपातकाल लागू किया गया था, जो भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा था। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी उस दिन को कभी नहीं भूलेगी जब संविधान को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था और देश को एक जेल में बदल दिया गया था। पीएम मोदी ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करने का संकल्प लें ताकि ऐसी घटना फिर कभी न हो।
ओम बिरला लगातार दूसरी बार बने लोकसभा अध्यक्ष
नई दिल्ली। लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिरला ध्वनिमत से चुने गए हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला ने कांग्रेस के ‘के सुरेश’ को चुनाव में हरा दिया है। सत्तापक्ष ने कथित रूप से विपक्ष की शर्तों को नहीं माना था इसलिए संयुक्त विपक्ष ने के. सुरेश को अपना प्रत्याशी बनाया था। ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद बिरला को चेयर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छोड़ा। पीएम मोदी ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा, ”मैं पूरे सदन को बधाई देता हूं। हम सभी का विश्वास है कि आने वाले पांच साल में आप हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
2014 में पहली बार लड़ा लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ओम बिरला को कोटा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 2019 में बिरला फिर से सांसद चुने गए और इस बार भाजपा ने उन्हें स्पीकर बनाकर सबको चौंका दिया। उनके पास भले लंबा संसदीय अनुभव नहीं था, लेकिन लोकसभा को जिस ढंग से उन्होंने चलाया उसकी सभी ने तारीफ भी की।
कांग्रेस के गुंजल को हराकर पहुंचे संसद
बिरला इस बार कोटा संसदीय सीट से चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को चुनाव में हराया है।