ब्लिट्ज ब्यूरो
मेरठ। वर्तमान दौर के युवा अब अपनी प्रतिभा का बेहतर परिचय देते हुए ऐसे प्रोजेक्ट भी तैयार कर रहे हैं जिनके माध्यम से आमजन को राहत मिल सके। कुछ इसी तरह का काम मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में भी देखने को मिल रहा है। यहां बीटेक मैकेनिकल फाइनल इयर के स्टूडेट द्वारा एक ऐसा आधुनिक सोलर ग्रास कटर तैयार किया गया है, जिसका संचालन आप एक स्थान पर बैठे हुए मोबाइल से कर सकते हैं।
2 महीने में तैयार कर लिया प्रोजेक्ट
बीटेक फाइनल के स्टूडेंट एवं प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शशांक उपाध्याय ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर योगेश कुमार के निर्देशन में उन्होंने सौर ऊर्जा आधारित ग्रास कटर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करने से पहले उनकी टीम के सदस्य रोहित पटेल, शालू, पलक धामा सोहित सैनी द्वारा यूट्यूब एवं अन्य माध्यमों से रिसर्च किया। उसके बाद सौर ऊर्जा आधारित कटर बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि अब तक इस तरह का मॉडल भारत में तैयार नहीं किया गया है।
मोबाइल से होगा ऑपरेट
स्टूडेंट पलक धामा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट आईओटी बेस्ड स्मार्ट सोलर ग्रास कटर है। इसमें कई आधुनिक डिवाइस का उपयोग किया गया है जिनके माध्यम से कम लागत में यह लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति के घर में गार्डन है तो वह इस मशीन को बाजार से खरीद कर आसानी से गार्डन में घास की कटाई कर सकेंगे। इसमें जिन डिवाइस का उपयोग किया गया है, उनके माध्यम से आप गार्डन में बैठे हुए ही मोबाइल से ऑपरेट करते हुए इस कटर से कटाई कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि यह 360 डिग्री तक आराम से रोटेट भी हो जाता है।
पेटेंट करने में की जाएगी मदद
मैकेनिकल डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. शिवम गोयल ने बताया कि स्टूडेंट द्वारा जो प्रोजेक्ट बनाया गया है, यह काफी उपयोगी है। संस्थान इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करने के लिए भी योजना बना रहा है। आने वाले समय में कम कीमत में यह आधुनिक ग्रास कटर आम जनमानस को कम कीमत पर उपलब्ध हो जाए, यही कोशिश रहेगी। वे बताते हैं कि संस्थान का हमेशा से यही प्रयास रहता है कि ऐसे प्रोजेक्ट तैयार किए जाएं, जिनके जरिए युवा बेहतर संदेश देते हुए अपने भविष्य को भी संवार सकें। साथ ही आम जनमानस को भी भरपूर सुविधा वाले संसाधन मिल पाएं।
मात्र 12 हजार की लागत आई
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 12000 रुपए की कुल लागत आई है। स्टूडेंट का दावा है कि अगर इसकी भारी मात्रा में मैन्युफैक्चरिंग की जाए तो कीमत में काफी कमी आएगी।