ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में अब मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) व चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता और एक केंद्रीय मंत्री की सदस्यता वाली नियुक्ति कमेटी के जरिये की जाएगी। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति व सेवा-शर्तों से संबंधित विधेयक दोनों सदनों से पास हो चुका है।
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून अस्तित्व में आ गया है। नया कानून चुनाव आयोग अधिनियम-1991 की जगह लेगा। केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि चुनाव आयोग कानून-1991 में पद की अर्हता और सर्च कमेटी से जुड़ी बातें नहीं थीं।
नए बिल में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, पद के लिए अर्हता, सर्च कमेटी का कार्य, वेतन, त्यागपत्र और पद से हटाने, छुट्टियों और पेंशन से जुड़ी सेवा शर्ते तय की गई हैं। विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की खोज के लिए विधि मंत्री की अगुवाई में तीन सदस्यों की सर्च कमेटी की स्थापना का भी प्रावधान है। पहले इस कमेटी की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव के पास थी।