ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ब्रिटेन की विश्वविख्यात ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) जैसे टॉप-10 इंस्टीट्यूट की ब्रांच अब भारत में भी खुलेंगी। इसकी घोषणा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने की है। सुनक ये सौगात अपनी सरकार की पहली एनिवर्सरी पर देंगे। इसी के साथ अगले दो साल में भारत की आईआईटी के ऑफशोर कैंपस भी ब्रिटेन में खोले जाएंगे। ब्रिटेन पहला यूरोपीय देश होगा, जहां आईआईटी कैंपस शुरू होंगे। वैसे भारत सरकार की ब्रिटेन समेत सात देशों में आईआईटी के कैंपस खोलने की योजना है।
भारत की तरफ से पहले ही एनईपी 2020 के तहत देश में फॉरेन यूनिवर्सिटी कैंपस खोलने की कवायद शुरू हो चुकी है। यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने इसी साल की शुरुआत में बताया था कि कई विदेशी यूनिवर्सिटीज से कैंपस ओपन करने के ऑफर आ चुके हैं, आयोग इन्हें शॉर्टलिस्ट कर रहा है। देश में खुलने जा रहीं फॉरेन यूनिवर्सिटीज में एडमिशन की प्रोसेस और क्राइटेरिया यूनिवर्सिटी खुद तय कर सकेंगी।
कोर्स की फीस भी यूनिवर्सिटी तय कर सकेंगी। एडमिशन शुरू करने से कम से कम 60 दिन पहले यूनिवर्सिटी को अपने प्रॉस्पेक्टस वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे जिसमें फीस, रीफंड पॉलिसी, नंबर ऑफ सीट्स समेत एडमिशन की पूरी प्रोसेस की जानकारी होगी। एडमिशन प्रोसेस शुरू होने का नोटिस यूजीसी द्वारा जारी किया जाएगा। ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक आईआईटी कैंपस की कुछ संभावित जगहों के बारे में विचार चल रहा है। इनमें लंदन और मैनचेस्टर सबसे ऊपर हैं।
इंडियन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
समिति ने इन सात देशों में इस संस्थान को इंडियन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के ब्रांड नाम से खोलने का सुझाव दिया है। आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली 17 सदस्यों की समिति ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये सातों देश कई प्रमुख मापदंडों पर उच्च स्थान रखते हैं और इन्होंने आईआईटी कैंपस खोलने के लिए रुचि दिखाई है।
मिशनों से प्राप्त फीडबैक बना आधार
समिति ने यह रिपोर्ट 26 देशों में स्थित भारतीय मिशनों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार की है। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने इन मिशनों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।
ब्रिटेन से छह ठोस प्रस्ताव मिले
आईआईटी ग्लोबल कैंपस में सहयोग के लिए ब्रिटेन से छह ठोस प्रस्ताव मिले हैं। ये प्रस्ताव यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम, किंग्स कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन से आए हैं।
आईआईटी दिल्ली सबसे पसंदीदा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आईआईटी दिल्ली संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र और मलेशिया का सबसे पसंदीदा विकल्प है। इसके अलावा मिस्र तत्काल ऑनलाइन व्यवस्था शुरू करने का इच्छुक है। हालांकि, समिति ने सरकार को जल्दबाजी न करने की सलाह देते हुए कहा कि उचित विचार-विमर्श के बाद ही कैंपस खोले जाएं।
सात देशों में खुलेंगे आईआईटी के कैंपस
केंद्र सरकार ब्रिटेन समेत सात देशों में आईआईटी कैंपस खोलने जा रही है। सरकार ने यह योजना पिछले साल ही बना ली थी। केंद्र सरकार की समिति सात देशों को चिन्हित भी कर चुकी है। आईआईटी के वैश्विक विस्तार के लिए बनाई गई समिति ने विदेश में स्थित भारतीय दूतावासों से परामर्श के बाद इन देशों को चुना । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सात देश ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, सऊदी अरब, कतर, मलेशिया और थाईलैंड हैं।