भारत दुनिया में अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ संचार के क्षेत्र में भी नई क्रांति की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। वह दिन दूर नहीं है जब 6जी टेक्नालॉजी में देश का डंका पूरी दुनिया में बजेगा। 5जी रोलआउट होने के 6 महीने के अंदर ही भारत 6जी की दिशा में आगे बढ़ गया है। भारत पिछले कुछ समय से सबसे बड़ा दूरसंचार निर्यातक बनने का सपना देख रहा है और भारत में 6जी प्रौद्योगिकी सेवाओं को विकसित करने का नेतृत्व करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया घोषणा सभी के लिए एक स्वागत योग्य कदम है।
जैसे-जैसे हम अधिक कनेक्टेड दुनिया की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं, वायरलेस नेटवर्क का विकास लगातार प्रगति कर रहा है। 5जी तकनीक की शुरुआत के साथ दुनिया ने मोबाइल संचार में एक क्रांतिकारी बदलाव देखा है जो अभूतपूर्व गति, कम विलंबता और बड़े पैमाने पर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। हाल ही में सामने आए भारत के ‘6जी विजन डॉक्यूमेंट’ में इस महत्वाकांक्षी विजन के लिए भारत के 6जी रोडमैप और निष्पादन संबंधी योजनाएं शामिल हैं।
पीएम मोदी ने प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस के 7वें संस्करण के उद्घाटन अवसर पर ‘भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट’ भी जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी, इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन (आईटीयू) के एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर का भी उद्घाटन किया। इसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स कैंपस में स्थापित किया गया है। भारत इसका संस्थापक सदस्य था जिसे 1865 में अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राफ संघ के नाम के साथ शुरू किया गया था। 1932 में इंटरनेशनल टेलीग्राफ यूनियन का नाम बदलकर इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन कर दिया गया और 1947 में यह संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी बन गई। यहां यह बात मायने रखती है कि यह पहली बार है कि जब आईटीयू मेजबान देश के रूप में भारत के साथ दक्षिण एशियाई क्षेत्र में खुल रहा है। भारत ने इस कार्यालय के सेटअप के लिए आईटीयू के साथ पिछले साल मार्च में समझौता किया था।
यह ऑफिस भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान और ईरान के लिए काम करेगा। कहा जा रहा है कि 6जी विजन डॉक्यूमेंट टेलीकॉम सेक्टर को क्रांतिकारी तरीके से बदल देगा। इसमें 2030 तक भारत में 6जी दूरसंचार सेवाएं शुरू करने की बात कही गई है। विजन डॉक्यूमेंट और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करने से यह झलक मिलती है कि किस तरह से यह बदलाव आएगा।
पिछले कुछ सालों में देश में बड़े पैमाने पर डिजिटल इनक्लूशन मजबूत हुआ है। 2014 से पहले ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लगभग 6 करोड़ यूजर्स थे, अब ये संख्या बढ़कर 80 करोड़ हो गई है। 2014 से पहले इंटरनेट कनेक्शन 25 करोड़ के आस-पास थे, जो कि अब 85 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। भारत दुनिया में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का बड़ा एक्सपोर्टर बन रहा है। 5जी से दुनिया का वर्क कल्चर बदला जाए, इसके लिए भारत कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। अब ये माना जा सकता है कि भारत में शीघ्र ही जिंदगी रफ्तार से दौड़ेगी।
अब 5जी के बाद 6जी की शुरुआत होने वाली है। भारत में 6जी के लिए तेजी से व्यवस्था तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री ने 6जी का विजन डॉक्यूमेंट जारी करते हुए अपने संबोधन में सभी को विक्रम संवत 2080 की शुभकामना देते हुए कहा कि आज का दिन बहुत विशेष और पवित्र है। इससे एकेडेमिया, स्टार्टअप्स, वेंचर, इंडस्ट्री और तमाम जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। पीएम मोदी ने पहले भी कहा था कि इस दशक के अंत तक भारत में 6जी की सेवाएं लॉन्च हो जाएंगी। भारत में 5जी पिछले साल के आखिर में लॉन्च हो गया था और अब बारी 6जी की है।
5जी लॉन्चिंग में भले ही देश में देरी हुई लेकिन 6जी को लेकर अभी से तैयारी शुरू की जा चुकी है। इसकी तैयारी के साथ ही 6जी रिसर्च और डेवलपमेंट टेस्ट बेड भी लॉन्च किया गया है। देश में 6जी टेक्नोलॉजी को लॉन्च करने और एडॉप्टेशन में ये विजन डॉक्यूमेंट मददगार होंगे। 6जी विजन डॉक्यूमेंट पेश करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ये ˈडेकेड भारत का टेक-एड है। भारत का टेलीकॉम और डिजिटल मॉडल स्मूथ है, सिक्योर है, ट्रांसपैरेंट है, ट्रस्टेड और टेस्टेड है।’
भारत के 6जी विजन डॉक्यूमेंट को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप ने तैयार किया है जिसकी शुरुआत नवंबर 2021 में हुई थी। इस ग्रुप में विभिन्न मिनिस्ट्री व डिपार्टमेंट, रिसर्च और डेवलपमेंट इंस्टीट्यूशन, एकेडमिक, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और इंडस्ट्री के लोग शामिल हैं। टेस्ट बेड की मदद से इंडस्ट्री, एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स और दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर विकसित हो रही टेक्नोलॉजी को टेस्ट किया जा सकेगा। सरकार का मत है कि भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट और 6जी टेस्ट बेड देश को इनोवेशन इनेबल करने, कैपेसिटबिल्ड करने तथा तेजी से नई टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट करने में मदद करेंगे। 6जी की स्पीड 5जी से से कई सौ गुना तेज है। इसका सही लाभ तभी मिल सकेगा जब हमारे देश के युवा और इनोवेटर्स भी इसी स्पीड से इस मौके का फायदा उठाएंगे एवं नए-नए सॉल्यूशन्स खोजने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे।