डॉ. सीमा द्विवेदी
श्रीनगर। जी20 सम्मेलन में भारतीय नीति आयोग के पूर्व सीईओ और भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि फिल्म शूटिंग के लिए कश्मीर सबसे बेहतरीन जगह है। कश्मीर घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण फिल्म निर्माताओं को हमेशा से आकर्षित करती रही है। इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ है।
अमिताभ कांत ने कहा कि कश्मीर सिर्फ एक जगह नहीं है, बल्कि अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। अल्पाइन जंगलों और नदियों आदि के कारण कश्मीर की सुंदरता कई गुणा बढ़ जाती है। कश्मीर से बेहतर कोई और डेस्टिनेशन नहीं है।
अमिताभ कांत ने सम्मेलन के दौरान ‘आर्थिक और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए फिल्म पर्यटन’ के साइड इवेंट में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित किया । यह आयोजन शहर में आयोजित होने वाले जी20 देशों के तीसरे पर्यटन कार्य समूह की बैठक का एक हिस्सा था। उन्होंने कहा कि हम शांति और समृद्धि में विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि पर्यटन का गुणक प्रभाव होता है और यह एक नौकरी निर्माता क्षेत्र भी है। यह जगह अपने आप में अद्वितीय है, क्योंकि कोई भी बॉलीवुड फिल्म कश्मीर में शूटिंग के बिना पूरी नहीं होती। भारत में कोई भी रोमांस कश्मीर के बिना पूरा नहीं होता।
बॉबी, कश्मीर की कली जैसी फिल्मों का जिक्र
उन्होंने कश्मीर में शूट की गईं प्रसिद्ध फिल्मों का जिक्र करते हुए कहा कि बॉबी-1973 (ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया स्टारर) को गुलमर्ग में शूट किया गया था। उन्होंने कश्मीर की कली, जब जब फूल खिले जैसी फिल्मों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कई फिल्म निर्माता शूटिंग के लिए स्विटजरलैंड और अन्य जगहों पर जाते हैं, वहीं कई अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की शूटिंग भारत में हुई। अमिताभ कांत ने कहा कि यह दोतरफा प्रक्रिया रही है। ‘नाटू नाटू’ (फिल्म “आरआरआर” का ऑस्कर विजेता गीत) को यूक्रेन के राष्ट्रपति महल में शूट किया गया था। पर्यटन कार्य समूह की बैठक के लिए करीब 60 विदेशी प्रतिनिधि यहा ं पहुंचे थे।
श्रीनगर। जी 20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मीटिंग के तीसरे और आखिरी दिन की शुरुआत डेलिगेट्स ने योगा और स्पोर्ट्स के साथ की। इसके बाद ये डेलीगेट्स निशात बाग गए, जहां कश्मीरी ड्रेस पहनकर फोटो सेशन करवाया। जम्मू- कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर जल्द ही दुनिया के टॉप 50 टूरिस्ट प्लेस में जगह बना लेगा। मनोज सिन्हा ने पाकिस्तान पर निशाना साधा। जम्मू-कश्मीर हमेशा से नॉलेज और लुभावने नजारों का केंद्र रहा है। 30 सालों से इसकी शांति पड़ोसी देशों की तरफ से फैलाए गए आतंक की वजह से प्रभावित हुई है।