ब्लिट्ज ब्यूरो
गोरखपुर। गर्मी की छुट्टी में यात्रियों को राहत देने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर सहित विभिन्न रूटों पर करीब 10 दिन में 121 समर स्पेशल ट्रेनों को चलाने की घोषणा कर दी है।
इनमें 14 ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। यात्रियों की मांग को देखते हुए अभी और स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की जाएगी। महाराष्ट्र और गुजरात के स्टेशनों पर (बलसाड़ और सूरत आदि) पूर्वांचल और बिहार आने वाले यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर अनारक्षित (पैसेंजर) ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
जनरल कोच के अभाव में स्लीपर कोच लगाकर अनारक्षित स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। यद्यपि, गोरखपुर में इस तरह की स्थिति नहीं बनी है। अगर गोरखपुर में भी दिल्ली और मुंबई के यात्रियों की भीड़ बढ़ी तो अनारक्षित समर स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।
रेलवे बोर्ड का कहना है कि स्टेशन यार्ड में बिना वजह ट्रेन की एक भी रैक खड़ी नहीं होनी चाहिए। यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर बिना प्रस्ताव के अनारक्षित स्पेशल ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो गए। मई और जून में गर्मी की छुट्टी हो जाएगी। दिल्ली और मुंबई से गोरखपुर रूट पर लोगों का आवागमन बढ़ गया है। नियमित ट्रेनों का अभी से कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। वेटिंग टिकट के लिए मारामारी मची है।
कई ट्रेनों में नो रूम की स्थिति बन गई है। ऐसे में यह समर स्पेशल ट्रेनें लोगों को राहत पहुंचाएंगी। फिलहाल, रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिन स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ रही वहां से अनारक्षित समर स्पेशल चलाई जा रहीं। जिन रूटों पर आरक्षित टिकटों की मांग और वेटिंग लिस्ट बढ़ गई है, उनपर अधिक से अधिक आरक्षित समर स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। बोर्ड के नए नियमों के अनुसार ट्रेनों की रैक में 2 से 4 ही जनरल कोच लग रहे हैं। अनारक्षित समर स्पेशल चलाने के लिए रेलवे के पास पर्याप्त जनरल कोच नहीं रह गए हैं।
गोरखपुर से चलने वाली कुछ प्रमुख स्पेशल ट्रेनें
गोरखपुर-आनन्द विहार टर्मिनस-गोरखपुर स्पेशल गोरखपुर से 28 अप्रैल से 30 जून तक प्रत्येक रविवार को तथा आनन्द विहार टर्मिनस से 29 अप्रैल से 01 जुलाई तक प्रत्येक सोमवार को 10 फेरा में चलेगी।
वलसाड-गोरखपुर-वलसाडअनारक्षित समर स्पेशल गोरखपुर से 20 अप्रैल से शुरू हो गई।
साबरमती-गोरखपुर-साबरमती स्पेशल साबरमती से 19 अप्रैल तथा गोरखपुर से 21 अप्रैल को चलाई गई।