ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कुछ खास देशों में मंजूरी प्राप्त पांच श्रेणियों की दवाओं के भारत में क्लीनिकल ट्रायल की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। नए आदेश में गंभीर रोगों की दवाएं, जीन और सेलुलर थेरेपी उत्पाद, महामारी की स्थिति में इस्तेमाल की जाने वाली नई दवाएं, विशेष उद्देश्यों की नई दवाएं और महत्वपूर्ण चिकित्सीय प्रगति वाली नई दवाएं शामिल हैं।
इस छूट से भारत में कैंसर, स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) और ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमए) जैसी बीमारियों व ऑटोइम्यून स्थितियों के इलाज के लिए नई दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। भारतीय औषधि महानियंत्रक के आदेश के मुताबिक अगर इन दवाओं को अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपीय संघ से मंजूरी मिली होगी तो इनके भारत में क्लीनिकल ट्रायल की जरूरत नहीं होगी। अभी अमेरिका, ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के नियामक प्राधिकरणों से मंजूर कई दवाएं कुछ नियामक जरूरतों के कारण भारतीय मरीजों के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं हैं।