ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लोकसभा चुनाव के नतीजों में कद बढ़ा है। एनडीए से समझौते के तहत उन्हें 16 सीटें मिलीं और करीब एक दर्जन पर जीत हासिल की।
भाजपा को 17 सीटों में से 12 पर जीत की आशा है, लेकिन इस चुनाव के असली हीरो पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान हैं। चाचा पशुपतिनाथ पारस ने 2019 में जब खुद को लोक जनशक्ति पार्टी का सर्वेसर्वा घोषित कर दिया, तब चिराग अलग-थलग हो गए। इस बार चिराग ने चाचा को अलग-थलग कर दिया। चिराग ने एनडीए से मिली पांचों सीटों पर अपनी पार्टी को जीत दिलाई। इसमें हाजीपुर की प्रतिष्ठित सीट भी है, जहां से उनके पिता चुनाव लड़ते थे। पिछले चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीट मिली थीं। इस बार यह आंकड़ा 33 पर सिमटता नजर आ रहा है। वहीं, इंडिया गठबंधन ने बढ़त हासिल की। एनडीए में शामिल जदयू को 12, भाजपा को 12, लोजपा (आरवी) को पांच, जीतन राम मांझी की हम को एक सीट मिली। इंडिया गठबंधन में लालू के राजद को चार, कांग्रेस को तीन, भाकपा-माले को दो मिलने की उम्मीद है। भाजपा के लिए आरा सीट गंवाना हैरान करता है।
लालू की बेटी रोहिणी नहीं दिखा सकीं दम, मीसा भारती को मिली जीत
राजद नेता लालू प्रसाद यादव की दो बेटियां चुनाव मैदान में थीं। सारण से रोहिणी आचार्य जहां राजीव प्रताप रूडी (भाजपा) से हार गई, वहीं मीसा भारती ने पाटलिपुत्र से भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव को हरा दिया।
दो केंद्रीय मंत्रियों ने हासिल की जीत
सीमांचल में पूर्णिया सीट पर पप्पू यादव ने जीत हासिल की। औरंगाबाद में राजद के अभय कुमार सिन्हा ने भाजपा के सुशील सिंह को हरा दिया। बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, तो उजियारपुर से केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने जीत हासिल की।