ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। दिल्ली-एनसीआर के वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस शहर नोएडा की दुनियाभर में अलग पहचान है। हाल ही में यूपी इंवेस्टर समिट में भी नोएडा के नाम 32 लाख करोड़ के कुल निवेश में से 30 फीसदी रकम आई थी। यानी 10 लाख करोड़ से ज्यादा रकम का निवेश अकेले गौतमबुद्धनगर जिले के लिए निवेशकों ने किया था। नोएडा की इस बढ़ती साख के बाद अब यहां बसाए जा रहे न्यू नोएडा को भी दुनिया के आधुनिकतम शहरों की तर्ज पर बनाने की योजना शुरू हो गई है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने 80 गांवों को जोड़कर नए नोएडा को बसाने की योजना बनाई है।
भारत का नया वर्ल्ड क्लास शहर
न्यू नोएडा को लंदन और सिंगापुर जैसी आधुनिक सुविधाओं वाले शहरों की तरह तैयार किया जा रहा है। यानी न्यू नोएडा में वो सारी सुविधाएं होंगी जो दुनिया के किसी विकसित शहर में हो सकती हैं। इस शहर में जाम से बचने के लिए मल्टी-लेवल पार्किंग होगी जो सड़कों पर ट्रैफिक के रास्ते में आने वाले किसी भी वाहन की अड़चन को खत्म करेगी। यहां पर आधुनिक सुविधाओं से लैस गगनचुंबी इमारतें बनाई जाएंगी और इस शहर को कंक्रीट का जंगल बनने से रोकने के लिए ग्रीनरी पर फोकस किया जाएगा।
दिखेगी ऐसी झलक
न्यू नोएडा के बस जाने के बाद इस शहर में लंदन की झलक नजर आएगी। इसके लिए यहां पर लंदन जैसा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाएगा। यहां पर दुनिया के विकसित शहरों की तरह ही इंडस्टि्रयल जोन और रेजिडेंशियल जोन भी बनाए जाएंगे। यहां दुबई और सिंगापुर की तरह इनलैंड कंटेनर डिपो तैयार किए जाने की भी योजना है। इस शहर के जरिए भारत की पहली ट्रू स्मार्ट सिटी बनाने की योजना को पूरा किया जाने का प्रयास है। यहां पर नौकरी के लिए इंडस्टि्रयल जोन होगा तो रहने के लिए घर के विकल्प भी लोगों को मिलेंगे।
अब सवाल उठता है कि आखिर इस तरह के दावे करने के पीछे क्या आधार है? दरअसल, न्यू नोएडा का मास्टर प्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को बनाने की जिम्मेदारी मिली है। नोएडा अथॉरिटी ने एसपीए को इस नए वर्ल्ड क्लास शहर के निर्माण के लिए बतौर सलाहकार नियुक्त किया है। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर अब इसके मास्टर प्लान को बनाने का काम शुरू करने जा रहा है। इस मास्टर प्लान में इस बात पर खास ध्यान दिया जाएगा कि सभी वर्गों के लोगों की जरुरतों को पूरा करने में ये शहर कामयाब रहे।
न्यू नोएडा में घर-नौकरी की तलाश पूरी होगी
न्यू नोएडा को स्मार्ट और वर्ल्ड क्लास बनाना है तो यहां पर मॉडर्न जॉब्स के मौके मुहैया कराने पर फोकस रहेगा। इसके लिए इंडस्ट्रियल जोन में स्टेट एग्रो, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, स्किल डेवलपमेंट नॉलेज जैसे सेगमेंट्स विकसित किए जाने की प्लानिंग हैं। इसके साथ ही रेजिडेंशियल जोन को कुछ इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि यहां पर उन लोगों को आसानी से घर मिल जाए जिनके पास अभी तक एक अदद आशियाना नहीं है।