ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में लगभग आधी से ज्यादा आबादी डायबिटीज की शिकार है। नतीजतन भारत को लंबे समय से डायबिटीज के मामले में दुनिया की राजधानी माना जाता है। भारत पिछले कई सालों से यह दंश झेलता आ रहा है। हालांकि, अब भारत में डायबिटीज पेशेंट के लिए एक ऐसी दवा आने वाली है, जो राहत दिला सकती है। इसे डायबिटीज पेशेंट के लिए ‘सुपर’ माना जा रहा है, लेकिन इसे खरीदना हर किसी के बस में नहीं। इसकी कीमत काफी ज्यादा है, जो आम आदमी की जेब के लिए भारी साबित हो सकती है।
मिली मंजूरी
भारत के ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने एली लिली की ‘टिर्जेपटाइड’ ड्रग को मंजूरी दे दी है, जिसका इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए किया जाएगा।
मौन्जारो ब्रांड के तहत लॉन्च किया जाएगा
भारतीय बाजार में ‘टिर्जेपटाइड’ ड्रग को मौन्जारो ब्रांड के तहत लॉन्च किया जाएगा। यह दवाई भारतीय बाजारों में 2025 तक लॉन्च करने की प्लानिंग की जा रही है।
मोटापे का इलाज करने के लिए भी इस्तेमाल
टाइप 2 डायबिटीज के अलावा इसे मोटापे का इलाज करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। सभी पहलुओं पर जांच पड़ताल करने के बाद अगर इसे मोटापे के इलाज के लिए बाजार में उतारा जाता है तो इसे ‘ज़ेपबाउंड’ नाम से बेचा जाएगा।
ऐसे करेगी डायबिटीज को कंट्रोल
‘टिर्जेपटाइड’ एक नई दवाई है, जो ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड (जीआईपी) और ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड -1 (जीएलपी-1) रिसेप्टर एगोनिस्ट को आपस में जोड़ेगी और दोनों के अच्छे गुणों का इस्तेमाल कर लोगों को फायदा पहुंचाएगी। इन गुणों की मदद से ‘टिर्जेपटाइड’ शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को रिलीज करेगी।
यह दवाई खाना खाने के बाद लोगों के पैनक्रियाज से निकलने वाले इन्सुलिन को बढ़ाएगी, जो ब्लड शुगर लेवल घटाने में मदद करेगा। इसके साथ ही ‘टिर्जेपटाइड’ ग्लूकागन नामक हार्मोन की रिलीज पर रोक लगाती है। ग्लूकागन वह हार्मोन है, जो आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। यह दोहरी प्रक्रिया न केवल भोजन के बाद ग्लूकोज लेवल बढ़ने पर रोक लगाने में मदद करती है बल्कि लिवर द्वारा बनाए जाने वाले ग्लूकोज को भी कम करती है।
-‘सुपरहीरो’ की तरह बीमारी पर असर दिखाएगी ‘टिर्जेपटाइड’
– कीमत अधिक होने से आम मरीज इससे रह सकते हैं दूर
भूख को कम करती है, इसके अलावा, ‘टिर्जेपटाइड’ भूख को कम करती है, जिससे लोगों के शरीर में खाने के बाद खून में बढ़ने वाले ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित होती है।
वजन घटाने में भी सहायक
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए भूख कम करने का यह तरीका वजन घटाने में भी सहायक है, जिसकी वजह से ग्लोबल मार्केट का ध्यान इसकी ओर आकर्षित हुआ है।
भारत में कितनी होगी कीमत
रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘टिर्जेपटाइड’ की प्रत्येक खुराक की कीमत प्रति सप्ताह लगभग 20 हजार रुपये होगी। इसे हफ्ते में एक ही बार लेना होगा। ऐसे में एक महीने की ‘टिर्जेपटाइड’ खरीदने के लिए भारतीयों को 80 हजार रुपये खर्च करना होगा। इस कीमत को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह जनता के लिए फायदा का सौदा साबित होने वाली नहीं है।
‘टिर्जेपटाइड’ की तुलना में, टाइप 2 डायबिटीज की आमतौर पर बिकने वाली अन्य दवाइयां लोगों को बहुत सस्ती पड़ती हैं। उन दवाइयों की कीमत कुछ सौ रुपये प्रति माह होती है। ऐसे में यह संदेह है कि औसत भारतीय डायबिटीज के इलाज के लिए ‘टिर्जेपटाइड’ का इस्तेमाल करेगा या नहीं। हालांकि, अपर मिडिल क्लास, अच्छा कमाने वाले और वजन घटाने की इच्छा रखने वाले लोगों के रूप में इस दवाई को बाजार मिल सकता है।
‘टिर्जेपटाइड’ के नुकसान
डायबिटीज के इलाज और वजन घटाने में फायदेमंद होने के बावजूद इसके साइड-इफेक्ट्स भी खूब हैं। आम तौर पर बताए गए साइड- इफेक्ट्स में उल्टी, दस्त, भूख में कमी और पेट की परेशानी शामिल हैं। पैनक्रिएटिटिस, लो ब्लड शुगर लेवल्स, एलर्जी रिएक्शंस, विजन चेंजिज और गॉलब्लैडर इश्यूज जैसी गंभीर परेशानियां होंगी, जिन्हें तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है।