ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। यूपी में शहरों को सुनियोजित तरीके से बसाने के साथ खूबसूरत बनाने के लिए प्रदेश के 20 शहरों में नया मास्टर प्लान प्रभावी हो गया है। इसके अलावा शेष बचे 39 शहरों में भी इसी माह नया मास्टर प्लान लागू करने की तैयारी है। इसके प्रभावी होने से शहरों में मनमाने तरीके से निर्माण पर रोक तो लगेगी ही, साथ ही तय भू-उपयोग के आधार पर ही निर्माण की अनुमति विकास प्राधिकरणों द्वारा दी जाएगी। उदाहरण के लिए आवासीय भूमि पर मकान ही बनाए जा सकेंगे और इस पर व्यावसायिक निर्माण पर पूरी तरह से रोक होगी। मनमाना निर्माण करने वालों को भवन विकास उपविधि के आधार पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
मास्टर प्लान के फायदे
आवास विभाग ने लखनऊ, अयोध्या, उरई, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, मथुरा, आजमगढ़, अलीगढ़, हापुड़, रामनगर-मुगलसराय, सहारनपुर, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, अमरोहा, बरेली, मुरादाबाद, पीलीभीत, बस्ती व गजरौला विकास प्राधिकरण क्षेत्र का नया मास्टर प्लान लागू कर दिया है।
मास्टर प्लान लागू होने के साथ ही इन शहरों का दायरा भी बढ़ गया है। इसका सबसे अधिक फायदा विकास प्राधिकरणों को नई आवासीय व व्यावसायिक योजनाएं लाने में होगा। विकास प्राधिकरणों को नए क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण का रास्ता खुलेगा। किसानों से समझौते के आधार पर भूमि ली जा सकेगी। इसके साथ ही शहरों में जरूरत के आधार पर पार्क, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन क्षेत्र के साथ ही सामुदायिक केंद्रों की सुविधाएं भी मिलेंगी।
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को निर्देश
अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि शहरों में नए मास्टर प्लान में तय किए गए भू-उपयोग के आधार पर निर्माण की अनुमति दी जाएगी। नक्शा पास करते समय यह देखा जाएगा कि आरक्षित भू-उपयोग के आधार पर ही निर्माण की अनुमति मांगी जा रही है या नहीं।
भू-उपयोग से इतर निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी
पार्क व ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि मास्टर प्लान वाले क्षेत्र में मनमाने तरीके से अवैध प्लाटिंग तो नहीं की जा रही है। शहर के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान में आरक्षित क्षेत्रों में योजनाएं लाई जाएंगी। ट्रांसपोर्ट नगर, बाजार, बस स्टाप के साथ ही उद्योगों को तय स्थान पर ही लगाने की अनुमति दी जाएगी।