दीपक द्विवेदी /विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश भर में शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा समूची दुनिया और यूनाइटेड नेशंस (संयुक्त राष्ट्र) को विकास और उससे जुड़े एसडीजी के मुद्दे पर दिया गया एक मजबूत संदेश है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संकल्प यात्रा के माध्यम से दुनिया को बता दिया है कि विकसित भारत बनने के लिए देश के 140 करोड़ भारतवासियों को एक संकल्प के साथ कैसे एकजुट किया जाता है।
भारत में विकसित भारत संकल्प यात्रा एक राष्ट्रीय अभियान का रूप ले चुकी है। विकसित भारत संकल्प यात्रा की देश भर में हुई बड़ी गूंज और उसमें हुई नागरिकों की सहभागिता से साबित होता है कि भारत का प्रत्येक नागरिक अब विकास और उससे जुड़े मुद्दों के प्रति न सिर्फ जानकार और जागरूक ही हुआ है बल्कि उसमें अपनी सक्रिय सहायता देने के लिए भी तैयार दिख रहा है।
जहां तक सवाल यूनाइटेड नेशंस द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित और विकासशील देशों के वर्गीकरण का जो पैमाना और मापदंड तैयार किया गया हैं उसका मूल्यांकन एसडीजी के निर्धारित मापदंडों पर किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत संकल्प यात्रा की तूफानी गति ने भारत की राजनीतिक शक्ति और विकास के अटूट संकल्प से दुनिया भर के देशों को हिलाकर रख दिया है। अब ज़िम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र की है कि वह जल्दी से जल्दी अपने एसडीजी के पैमाने से भारत संकल्प यात्रा का मूल्यांकन करे और दुनिया को बताए कि भारत एसडीजी की जागरूकता और उसकी सफलता के लिए किस स्तर पर कार्य कर रहा है तथा दुनिया भर के देशों में उसकी रैंकिंग क्या है।
आज के समय में जब संपूर्ण विश्व अपने समक्ष खड़ी विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे में भारत दृढ़ता के साथ अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। गरीबी दूर करने का मोर्चा हो अथवा देश की आर्थिक विकास की रफ्तार; महिला सशक्तिकरण हो या पर्यावरण का मुद्दा; हर मोर्चे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बेहतर प्रदर्शन करती नजर आ रही है।
यही वजह है कि अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत को स्टार परफॉर्मर के प्रमाण पत्र से नवाजा है। आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर तमाम चुनौतियों के बीच भारत इस साल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है। आईएमएफ ने भारत की तेज रफ्तार से दौड़ती अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्र में आर्थिक सुधारों के बूते भारत बेहतर प्रर्शन कर रहा है। यही नहीं; भारत वैश्विक वृद्धि दर में भी 16 फीसदी से अधिक का योगदान दे रहा है। आईएमएफ में मिशन ऑफ इंडिया से जुड़ीं नाडा चौएरी का मत है कि भारत की मजबूत वृद्धि दर वास्तविक वृद्धि के मोर्चे पर एक मिसाल है। भारत तेजी से बढ़ते बड़े उभरते बाजारों में से एक है और वृद्धि के लिए तमाम सुविधाएं विकसित कर रहा है। उनके अनुसार, इसकी प्रमुख वजह मोदी सरकार की विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियां हैं। –
पीएम मोदी का लक्ष्य है कि भारत शीघ्र से शीघ्र विकसित देशों की कतार में शामिल हो। पीएम मोदी का मानना है कि उनकी सरकार जिन नीतियों पर काम कर रही है, वे आने वाले हजार सालों को ध्यान में रख कर तैयार की गई हैं।
विकास की परिभाषा तय करने वाले संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को 2030 के तय समय से पहले ही पाने की नीति पर भारत आज तेजी से काम कर रहा है। पीएम मोदी ने 16 दिसंबर को वर्चुअल तरीके से सरकारी योजनाओं से संबंधित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का शुभारंभ किया ताकि यह पता चल सके कि विकास को गति देने वाली योजनाएं लक्ष्य के कितना नजदीक पहुंची हैं। पीएम मोदी मानते हैं कि विकसित भारत संकल्प यात्रा एक प्रकार से उनकी भी कसौटी है।
क्या है विकसित भारत संकल्प यात्रा?
विकसित भारत संकल्प यात्रा एक सरकारी पहल है जो आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, पीएम स्वनिधि आदि जैसी प्रमुख केंद्रीय योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए पूरे देश में चलाई जा रही है। इस तरह देश की 140 करोड़ जनता से सीधे जुड़ने का उनका यह प्रयास अनोखा एवं अतुल्य है और यह एसडीजी को शीघ्र हासिल करने में भी मदद करेगा।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के चार उद्देश्य
विकसित भारत संकल्प यात्रा का लक्ष्य भारत की सभी ग्राम पंचायत, नगर पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों को कवर करना है। इस पहल की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस यात्रा के चार उद्देश्य हैं:- प्रथम – उन वंचित लोगों तक पहुंचना जो विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र हैं लेकिन अभी तक लाभ नहीं उठा पाए।
द्वितीय – योजनाओं के बारे में जानकारी का प्रसार और जागरूकता पैदा करना। तृतीय – सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ उनकी व्यक्तिगत कहानियों और अनुभव साझा करने के माध्यम से बातचीत। चौथा – यात्रा के दौरान पता लगाए गए विवरण के माध्यम से संभावित लाभार्थियों का नामांकन करना।
यह अभियान भारत सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय भागीदारी के साथ संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण अपनाकर चलाया जा रहा है। विकसित भारत संकल्प यात्रा पिछले 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से शुरू की गई थी। पांच राज्यों (जहां हाल में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं) में 16 दिसंबर को इसका शुभारंभ किया गया। दरअसल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की वजह से आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण यह यात्रा शुरू नहीं हो सकी थी।
2.50 करोड़ से ज्यादा नागरिकों तक पहुंची यात्रा
पीआईबी के अनुसार केवल एक महीने की अवधि में ही विकसित भारत संकल्प यात्रा देश की 68,000 ग्राम पंचायतों में 2.50 करोड़ से ज्यादा नागरिकों तक पहुंच गई है। लगभग 2 करोड़ लोगों ने विकसित भारत का संकल्प लिया है और केंद्र सरकार की योजनाओं के 2 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों ने ‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’ पहल के तहत अपने अनुभव साझा किए हैं। लोग योजना की वेबसाइट पर एक फॉर्म भरकर और एक प्रमाणपत्र डाउनलोड करके ‘संकल्प’ ले सकते हैं।
तकनीक के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना हो हमारा लक्ष्य : मोदी
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने 19 दिसंबर को स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के ग्रैंड फिनाले में वर्चुअल माध्यम से कहा कि आज तकनीक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। ऐसे में हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि भारत को तकनीक आयात न करनी पड़े या उसके लिए दूसरों पर निर्भर न रहना हो। हमारा लक्ष्य देश को तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का होना चाहिए। पीएम ने कहा, आज भारत रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता के लिए काम कर रहा है। अब भी रक्षा तकनीक से जुड़ी कई ऐसी चीजें हैं जिनको हमें आयात करना पड़ता है।
– अमृतकाल के अगले 25 वर्ष युवा नवप्रवर्तकों के लिए अहम
– एसडीजी पर प्रगति के लिए भारत ने दी जी20 कार्य योजना
– भारत बन रहा है स्टार परफॉर्मर : आईएमएफ
भारत पर दुनिया की नजर
प्रधानमंत्री ने कहा, 21वीं सदी का भारत जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। आज पूरी दुनिया की नजर भारत के प्रतिभाशाली युवाओं पर टिकी है। दुनिया को यह भरोसा है कि भारत वैश्विक चुनौतियों के लिए सस्ता, अच्छा, टिकाऊ और मापनीय समाधान प्रदान कर सकता है। हमारे चंद्रयान मिशन ने विश्व की उम्मीदों को कई गुना बढ़ा दिया है। आपको अलग-अलग क्षेत्रों में नई टेक्नोलॉजी को इनोवेट करना है। पीएम ने दोहराया कि भारत के अमृतकाल के अगले 25 वर्ष युवा नवप्रवर्तकों के लिए एक निर्णायक अवधि होगी और यहां स्थिर और मजबूत सरकार उनके साथ है।
‘ट्रांस्फॉर्मिंग आवर वर्ल्ड: 2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ (सतत विकास लक्ष्यों) के संकल्प को भारत सहित 193 देशों ने सितंबर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्चस्तरीय पूर्ण बैठक में स्वीकार किया था और एक जनवरी, 2016 को यह लागू किया गया। भारत लंबे अरसे से सतत विकास के पथ पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है और इसके मूलभूत सिद्धांतों को अपनी विभिन्न विकास नीतियों में शामिल करता आ रहा है।
भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत एजेंडा 2030 के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य गरीबी दूर करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए सबसे निर्धन वर्ग के कल्याण को प्रमुखता दी गई है। यूएनडीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रिकॉर्ड स्तर पर गरीबी कम हुई है। इसमें बताया गया है कि बीते 15 साल में 415 मिलियन यानी 41 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। यह रिपोर्ट 110 देशों के आंकड़ों को लेकर तैयार की गई है।
इसके अलावा अधिक बजट आवंटनों से बुनियादी सुविधाओं के विकास और गरीबी समाप्त करने से जुड़े कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और शहरी दोनों, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, डिजिटल इंडिया, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, स्किल इंडिया और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाई गई हैं।
केंद्र सरकार ने सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने तथा इसके समन्वय की जिम्मेदारी, नीति आयोग को सौंपी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को संबंधित राष्ट्रीय संकेतक तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। इस वक्त रणनीतिक रूपरेखा तैयार करने से भारत को एसडीजी के लक्ष्यों को पूरा करने के संबंध में सफलता सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।
जी20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान 2030 के एजेंडे के महत्वपूर्ण मध्य बिंदु पर, भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाने के लिए जी20 कार्य योजना भी पेश की जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग समानता और पर्यावरणीय स्थिरता सहित परस्पर जुड़े मुद्दों के लिए ‘क्रॉस-कटिंग’, कार्रवाई-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाया गया। पीएम मोदी ने इस संबंध में प्रगति को आगे बढ़ाने वाले एक प्रमुख क्षेत्र मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) का भी जिक्र किया। ताकि भारत ही नहीं, पूरी दुनिया विकास के क्रम में इसका लाभ उठा सके। भारत आज हर दृष्टि से विकास के पथ पर अग्रसर है।