आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दूसरे चिंतन शिविर की अध्यक्षता की। इसमें पीएम मोदी के ‘विजन 2047’ को अमल में लाने के लिए एक्शन प्लान पर चर्चा की गई, शाह ने अधिकारियों व अन्य को मोदी का विजन साकार करने के लिए मंत्र भी दिया। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसमें हिस्सा लिया। चिंतन शिविर का उद्देश्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करना और प्रधानमंत्री के ‘विजन 2047’ के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्ययोजना बनाना था। मोदी ने ‘विजन डॉक्यूमेंट ऑफ इंडिया @ 2047’ के तहत 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है।
प्रथम बनने से कोई नहीं रोक सकता
अमित शाह ने अधिकारियों से कहा कि गृह मंत्रालय को 25 साल का रोडमैप तैयार करना चाहिए ताकि भारत को दुनिया में अव्वल बनाने में सफलता मिले। भारत को हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनने से अब कोई नहीं रोक सकता। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का स्थान तेजी से बढ़ रहा है। बिजली की खपत कम करने के लिए गृह मंत्रालय के सभी कार्यालय भवनों के लिए अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का प्रावधान किया जाना चाहिए। गृह मंत्री ने मंत्रालय के काम की सराहना करते हुए अधिकारियों से ‘विजन 2047’ में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और अधिक लगन से काम करने का आह्वान किया।
चिंतन शिविर की अध्यक्षता पहले भी
इस साल की शुरुआत में ‘इंडिया @ 2047’ योजना के हिस्से के रूप में जल सुरक्षा की चुनौतियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राजनीतिक इच्छाशक्ति, सार्वजनिक वित्तपोषण, साझेदारी, सार्वजनिक भागीदारी और स्थिरता के लिए 5पी मंत्र की घोषणा की थी। इससे पहले शाह ने 18 अप्रैल को गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के पहले चिंतन शिविर की अध्यक्षता की थी।
मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा
शाह ने शिविर में साइबर अपराध प्रबंधन, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा मुद्दों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर दिया था। पहले चिंतन शिविर का उद्देश्य मंत्रालय के काम की समीक्षा करना और पीएम मोदी के ‘विजन 2047’ को लागू करने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार करना था। यहां शाह ने भर्ती प्रक्रिया को तेजी से शुरू करने की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा था कि भविष्य की रिक्तियों की भर्ती की प्रक्रिया काफी पहले शुरू की जानी चाहिए।
ट्रेनिंग के महत्व पर भी जोर दिया
शाह ने अधिकारियों से कहा था कि विभागीय पदोन्नति समितियों की बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए। इससे कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति मिल सकेगी।