विनोद शील
नई दिल्ली। भारत आज तेजी से बदल रहा है। आर्थिक मोर्चे की बात हो या सामाजिक, सांस्कृतिक मोर्चा हो अथवा धार्मिक, अंतरिक्ष से लेकर धरती और समुद्र की गहराइयों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हर क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपना लोहा मनवाने में कामयाब है। पीएम मोदी सभी क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर बनाने में जी जान से जुटे हैं।
धार्मिक स्थलों के उन्नयन पर तो उनकी सरकार का विशेष जोर है क्योंकि वह धार्मिक पर्यटन के जरिए देश को एक नई पहचान दिलाना चाहते हैं। पहले काशी का कायाकल्प और उसके बाद उज्जैन में महाकाल और अब सर्वपूज्य भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या का पीएम मोदी ने जो कायाकल्प किया है वह अतुल्य है। आज राम की नगरी अयोध्या नव्य, भव्य और दिव्य नजर आ रही है। 500 वर्षों की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अब यहां 22 जनवरी 2024 को नवनिर्मित भव्य और विराट राम मंदिर में अनुष्ठानपूर्वक श्रीरामलला की दिव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है।
अब ये एक नई अयोध्या है जिसके पास एक नई तरह से विकसित अपना अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन है, खुद का एक इंटरनेशनल वाल्मीकि एयरपोर्ट है और बड़े-बड़े बिजनेस ग्रुप और कंपनियां यहां अपना कारोबार करने के लिए बेताब हैं। यह सब यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती प्रदान करेगा। अब यहां कई लेन वाली लंबी चौड़ी सड़कें हैं तो दीवारों पर खूबसूरत भित्तिचित्र नगर की शोभा बढ़ा रहे हैं। बड़े-बड़े होटल यहां बन रहे हैं। सरकार राममंदिर निर्माण से लेकर पूरी अयोध्या के विकास के लिए 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है।
रामलला का मंदिर अयोध्या में आर्थिक प्रगति की नई कहानी लिख रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाद रामनगरी देश ही नहीं, दुनिया के लिए भी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का नया मॉडल बन रही है। रोज यहां लाखों की संख्या में पर्यटकों का आगमन हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार आगामी तीन साल में यहां लगभग 20 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। 20 करोड़ पर्यटक कुल मिलाकर छह लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगे।
ऐसा कहा जा सकता है कि यह रकम भारतीय रेलवे के 2022-23 के वार्षिक बजट से आठ गुना अधिक (73,671 करोड़ रुपये) और मनरेगा को 5 साल से अधिक समय तक वित्तपोषित करने के लिए पर्याप्त है।
लोकल फॉर वोकल को मिलेगा बल
तीन साल में छह लाख करोड़ रुपये के निवेश से अधिकाधिक स्थानीय रोजगार पैदा होंगे। इससे वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय वस्तुओं एवं दक्ष और कुशल; दोनों श्रम को रोजगार के अवसर मिलेंगे। निवेश के मध्यम प्रवाह को भी मानें, तो आगामी तीन वर्षों में अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों में पांच से 10 लाख का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हो सकता है। इसके साथ ही विदेशी पर्यटकों के आने से विदेशी मुद्रा का भी सृजन होगा। हम कह सकते हैं कि भारत ने दुनिया को अलग सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का मॉडल तैयार करके दिखा दिया है।
निवेशक भी मालामाल
रामलला अयोध्यावासियों के साथ-साथ निवेशकों को भी मालामाल कर रहे हैं। राम मंदिर से जुड़ीं कंपनियां चाहे वे निर्माण में लगी हों या टेंट सिटी तैयार करने में, उनके शेयर में 395 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। मंदिर निर्माण सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार एलएंडटी कर रही है। पांच अगस्त 2020 को निर्माण शुरू हुआ तब इस कंपनी का शेयर 934 रुपये था। 30 दिसंबर, 2022 को शेयर 2,100 रुपये था, जो 11 जनवरी 2024 को 3,505 रुपये है। यानी 41 माह में इस कंपनी ने निवेशकों को 275 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। जितनी तेजी पिछले तीन वर्ष में राम मंदिर निर्माण से जुड़ने के बाद इस कंपनी के शेयर में आई, उतनी कभी नहीं आई। टेंट सिटी बनाने का काम कर रही कंपनी प्रवेग के शेयर में एक साल में 395 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है। 30 दिसंबर 2022 को इसका शेयर 240 रुपये था जो अब 1,189 रुपये तक पहुंच गया है।
पिछले 5 साल में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 2.5 गुना हो गई है। मंदिर बनने के बाद हर साल 3.6 करोड़ टूरिस्ट आने की उम्मीद की जा रही है, इससे भी यहां नौकरियां और रोजगार में इजाफा होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 28,760.67 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें 175 करोड़ रुपये से अधिक अयोध्या में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए दिए हैं।
सरकार ने अयोध्या संरक्षण और विकास निधि के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ‘रामोत्सव’ 2023-24 के लिए 100 करोड़ रुपये और अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण और वैदिक अनुसंधान संस्थान के विकास और विस्तार के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो यहां विकास को एक नया आयाम प्रदान करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के मौके पर पीएम मोदी ने कहा था कि यह राम मंदिर सिर्फ अयोध्या की भव्यता को ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि यहां की इकोनॉमी को भी बदलेगा।
पूरी दुनिया से लोग यहां भगवान राम और माता सीता के दर्शन के लिए आएंगे जिससे यहां के लोगों के लिए अवसर पैदा होंगे। आज यह कथन चरितार्थ भी हो रहा है। आज अयोध्या नगरी विरासत, विकास और संस्कृति का अनोखा संगम बन गई है। रामलला का मंदिर अयोध्या में आर्थिक प्रगति की नई कहानी लिखेगा।