राकेश शर्मा
आजकल खंडित, विखंडित, विपक्ष के सभी नेता, प्रवक्ता किसी न किसी रूप में श्री राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण और 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के अद्वितीय, अलौकिक, अद्भुत समारोह का विरोध करने पर उतारू हैं।
मैं इन सभी की शून्य प्राय बुद्धि, विवेक, विचार और मानसिकता देख सुनकर हैरान परेशान हूं कि कहने को ये सभी अपने को राजनेता कहलाने को आतुर रहते हैं लेकिन इन्हें शायद ज्ञान ही नहीं है कि राजनेता बनने से पहले जननेता बनना आवश्यक होता है, जनता की भावना को समझना होता है और ध्यान रहे साधारण जनता राष्ट्र हित को हमेशा सर्वोपरि रखती है, तब यह जनता आपको राजनेता बनाती हैं। इन सभी नेताओं ने श्री राम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होने से पहले ऐसी ऐसी बातें सनातन, श्री राम के बारे में कह दी हैं जिसका प्रायश्चित कई जन्मों तक करके भी इन्हें अपराध बोध से मुक्ति नहीं मिलेगी। सनातन में विश्वास रखने वाले सभी भक्त जनों को श्री राम में अटूट आस्था है इसीलिए 22 जनवरी से पहले ही भारत राष्ट्र राममय हो गया है और यदि तुष्टिकरण और चंद वोटों की ख़ातिर इस वातावरण को यह विपक्ष के नेता देख ही नहीं पा रहे हैं तो इन सब से मेरा एक ही अनुरोध है एक बार इस विरोध के चश्मे को उतारकर ज़मीनी हक़ीक़त को पहचानें।
हिंदुओं के श्रद्धेय श्री राम की अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, उनका उत्साह, श्रद्धा का कारण है उनका पांच सौ साल का सपना पूरा होने जा रहा है। मैं तो सच्चे हिंदुस्तानी मुसलमानों को दाद देना चाहता हूं जो अपने कुछ मुल्लाओं के भड़काने में नहीं आ रहे और गली कूचों में रामायण का प्रवचन कर रहे हैं, एक बच्ची शबनम तो मुंबई से अयोध्या पैदल ही निकली हुई है, किसी धमकी की परवाह किए बिना वह अपने को सनातनी मुस्लिम कह रही है, रास्ते में हर जगह उसका भव्य स्वागत हो रहा है । उसने अपना धर्म नहीं छोड़ा है लेकिन वह भारतीय इतिहास, संस्कृति, अध्यात्म, मर्यादा के शिखर भगवान श्री राम के प्रति समर्पित है।
इस्लाम मानने वाले ही नहीं, अन्य धर्मों के लोग भी इस राष्ट्रीय महोत्सव को धूमधाम से मना रहे हैं। अब तो विपक्ष अयोध्या में श्री राम की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा को 2024 में होने जा रहे आम चुनाव से जोड़ रहा है और कह रहा है इससे भाजपा को फ़ायदा होगा।
मैं कहता हूं भाजपा को फायदा होगा तो हो। मैं इन विपक्षियों से पूछना चाहता हूं की यदि उन्हें मालूम है कि भाजपा को इससे फ़ायदा होना है तो फिर चुनाव में हारने की तैयारी करने में वे क्यूं प्रयासरत हैं। एक चींटी पर भी कोई हमला करता है तो वह भी बचने का प्रयास करती है। आपका खंडित इंडिया गठबंधन तो स्वप्निल दुनिया में रहने वाले महाज्ञानियों से भरा पड़ा है, फिर भी आपको कोई सही सलाह नहीं दे रहा। ऐसे चापलूस तो आपकी लुटिया डुबोने के लिए ही आपके इर्द गिर्द घूम रहे हैं। क्या यह भाजपा के एजेंट हैं।
आज भी अस्सी वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष ने कह दिया कि प्रधानमंत्री अयोध्या व लक्ष्यद्वीप में मॉडलिंग करने जाते हैं। भाई बुद्धि नहीं है तो चुप रहा करो, ज़्यादा फ़ायदा होगा। पीएम मोदी अयोध्या एयरपोर्ट का और रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने के साथ 1500 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करने गये थे। विश्व का सबसे बड़ा तीर्थस्थान बन रहा है करोड़ों लोग आयेंगे, अरबों रुपये की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, तीर्थयात्रियों की सुख सुविधाओं का और ध्यान रखा जाएगा।
खड़गे जी मोदी जी कोई राजीव गांधी नहीं है जो अपने परिवार और मित्रों के साथ दस दिन की छुट्टियां मनाने भारतीय नौसेना के जहाज़ विक्रांत पर सरकारी खर्चे से मौज मस्ती करने गये थे। मोदी जी लक्ष्ाद्वीप टूरिज्म को बढ़ावा देने गये थे। आजकल मालदीव चीन के प्रभाव में हमें आंख दिखा रहा है। पर्यटन में मालदीव को पर्यटकों के रूप में भारत 15 प्रतिशत सहयोग करता है, लक्ष्ाद्वीप का टापू मालदीव से कहीं ज़्यादा सुंदर है, इसके प्रमोशन से भारत का पर्यटक यदि मालदीव न जाकर लक्ष्ाद्वीप जाये तो भारत का पैसा भारत में रहेगा और मालदीव की हेंकड़ी भी बंद होगी। जनता को मत बहकाओ, जनता सब जानती है।
विपक्षी नेता बुद्धिहीन, आस्थाहीन बयान दे भी रहे हैं और उनका समर्थन भी कर रहे हैं। 2024 के आम चुनाव इन सब बातों का जवाब देंगे।