भारत के महान सम्राट रहे चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री और राज मार्गदर्शक कहे जाने वाले चाणक्य ने अपनी नीति में ‘न राज्ञ: परम ् दैवतम ्’ संदेश सूक्ति का प्रमुखता से उल्लेख करते हुए शासक को देवता से भी ऊपर माना है। चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में इस संदेश में कहा है कि शासक से बड़ा कोई देवता नहीं है। देवता उसे कहा जाता है जो धर्म का पालन करता है और करवाता है। देश में धर्म का पालन राष्ट्र के नियमों के भय के कारण ही होता है। इसलिए शासक को राष्ट्र का देवता कहा जाता है।
दरअसल, चाणक्य व सभी धर्मग्रन्थों का सीधा संदेश यही है कि किसी भी राष्ट्र में शांति, सद्भाव, समरसता, समृद्धि और उसके सम्यक विकास का दर्शन एवं उसका साक्षात्कार प्रजा को सहजता से हो सके। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व में यशस्वी, मनस्वी, तपस्वी, तेजस्वी और ओजस्वी जैसे अनुमानित दैवीय गुण एवं दैवीय शक्तियां विद्यमान दिखती हैं। कुछ पाठकों को यह तथ्य अतिशयोक्ति मय जरूर लग सकता है मगर सूरज के उजाले की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है।
पुण्य प्रसूता भारत भूमि को नतमस्तक प्रणाम। भारत माता! जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे अपने वीर सपूत को अपनी श्रेष्ठ व पावन माटी की अद्भुत एवं अटूट संकल्प शक्ति से सिंचित कर उन्हें भारतीय दर्शन और संस्कृति का एक महान, अद्वितीय और अपराजेय योद्धा बना दिया।
मोदी जी ने भारत का नया स्वर्णिम इतिहास लिखा है। प्रधानमंत्री मोदी की दशकों की स्वाभिमान युक्त राजनीति की अमिट मिसालें इतिहास के पन्नों पर सदियों तक अंकित रहेंगी। वस्तुत: आज वो घड़ी आ गई है जबकि नरेंद्र मोदी जी के बारे में भी यह कहा जा रहा है कि ‘आप का वैभव अमर रहे।’
आज भारत और भारतीयों का मान-सम्मान सारी दुनिया में दिनों-दिन बढ़ रहा है। सच्चाई यह है कि ‘विश्वगुरु’ या ‘ग्लोबल लीडर’ के रूप में मान्यता या सर्व स्वीकार्यता कहने मात्र से नहीं बल्िक अद्वितीय कार्य करने और उसके सार्वजनिक दर्शन और प्रदर्शन के उपरांत, जन सत्यापन के प्रमाण-पत्र से होती है। लोकशासन में लोकप्रियता तो सभी चाहते हैं परन्तु नरेंद्र मोदी जी ने अपनी राष्ट्रीय एव अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता, लोककल्याण के लिए की गई अतुलनीय कर्मठता से अगणित और अद्वितीय कार्यों द्वारा प्राप्त की है।
आज भारत के नागरिक ही नहीं दुनिया के बहुसंख्यक राष्ट्राध्यक्ष भी नरेन्द्र मोदी जी को उनके इसी जुझारू और निर्भीक व्यक्तित्व के लिए उन्हें ‘चैम्पियन ऑफ अर्थ’ के नाम से संबोधित करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने प्रधानमंत्री मोदी को यह उपाधि अमेरिका से आकर भारत की धरती पर प्रदान की थी।
‘कामना है कि नरेंद्र मोदी जी कभी थकें नहीं, रुकें नहीं और डिगें नहीं।’
वेद वाक्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम ्’ को तो हम सभी दशकों से सुनते आ रहे हैं। इस वेदोक्ति की रचना शतकों पूर्व हुई थी। परंतु विचारणीय विषय यह है कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम ्’ के साकार स्वरूप के साक्षात दर्शन मोदी जी ने सारी दुनिया को करा दिए। जी20 को जी21 बनाकर ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ की भारतीय सोच की स्वीकार्यता उन्होंने वैश्िवक पटल पर कराकर नि:संदेह उसकी डोर से दुनिया के सभी देशों को दृढ़ता पूर्वक बांध दिया है।
नरेंद्र मोदी जी ने इस अंतरराष्ट्रीय एकता और बंधन के बल पर एकजुट हुए अपने विश्वव्यापी परिवार की लौकिक प्राण प्रतिष्ठा भी की है जिसमें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ और सबका विश्वास का मोदी महामंत्र भी समाहित है।
भारत को पिछले 9 सालों में जो तरक्क ी और खुशहाली प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिलाई है उसके मूल में विकास के इस महामंत्र की शक्ति समाहित हैै। इस महामंत्र की सिद्धि और सार्थकता को मोदी जी ने घर-घर और दुनिया के प्रत्येक देश तक पहुंचाने में कामयाबी पाई है। हालांकि मोदी जी की राजनीतिक यात्रा का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि उनकी दृष्टि में सफलता का अर्थ है कि अपने असली लक्ष्य को सफलता पूर्वक प्राप्त करना है यानि कोई भी युद्ध पूरी तरह जीतना, न कि छोटी-मोटी लड़ाइयां जीतकर संतुष्ट हो जाना।
सच भी है कि भारत वर्ष के गौरव का परचम विश्व में फहराने वाले नरेंद्र मोदी जी के विचारों से स्पष्ट है कि वह न रुकेंगे और न झुकेंगे। यह कहना प्रासंगिक होगा कि नरेंद्र मोदी जी जैसे राजनेता किस धातु के बने हैं, इसकी पहचान तो सिर्फ कसौटी पर कस कर ही की जा सकती है। सभी जानते और मानते हैं कि संगठन एवं सरकार के कार्यों को संपादित करने में उनका कौशल इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। यही नहीं, संसद में भी मोदी जी का विधायी कौशल अप्रतिम है, जहां वह अपने ओजस्वी और तर्कपूर्ण भाषण से अपने राजनीतिक विरोधियों को नाकों चने चबवा देते हैं।
नरेंद्र मोदी जी आज निसंदेह राजनीतिक गगन के नक्षत्र में ध्रुव तारे के समान चमक रहे हैं। इसका अतुलनीय राजनीतिक लाभ भी उनको मिल रहा है। इतिहास साक्षी है कि विलक्षण सांचे में ढले ऐसे चंद कद्दावर नेताओं में पीएम मोदी एक ऐसे नेता है जिन्हें डिगाना एक दुष्कर कार्य है। यह परिलक्षित है कि मोदी जी हर परिस्थिति का सामना अपनी संकल्प शक्ति और सामर्थ्य के साथ करते हैं। यहां पर यह लिखना आवश्यक है कि मोदी जी के वक्तव्यों में केवल वाद-विवाद ही नहीं होता बल्कि उनके प्रत्येक वक्तव्य के पीछे उनकी ठोस और गहन सोच भी झलकती है।
देश को भयंकर राजनीतिक प्रदूषण की महामारी से बचाकर विकास के संकल्प रथ को आगे बढ़ाने के रास्ते पर उन्हें अनेक आलोचनाओं और समालोचनाओं के विष भरे घातक तीरों का भी सामना करना पड़ा है परंतु उन्होंने अपनी प्रबल राजनीतिक संकल्प शक्ति और देश की अतुल्य जनशक्ति के अभेद्य कवच के बलबूते और बग़ैर परिणाम की परवाह किए, वही किया जो देशवासियों के हित में था।
ब्लिट्ज इंडिया परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की देश के लिए समर्पित और संकल्पित वचनबद्धता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उन्हें शुभकामनाएं प्रदान करता है और कामना करता है: