ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस समेत क्षेत्रीय दल भी महिला मतदाताओं पर खासा जोर दे रहे हैं। इसकी बड़ी वजह महिला मतदाताओं की संख्या है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक देश के 11 राज्यों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। केरल में सर्वाधिक 51 प्रतिशत महिला वोटर्स हैं। यही वजह है कि इस बार के चुनाव में राजनीति दलों की चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव दिख रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस लोकसभा चुनाव में महिलाएं मतदान में आगे रहेंगी।
इस कारण राजनीतिक दल महिला केंद्रित योजनाओं और नीतियों को अपने घोषणा पत्र में अहमियत दे रहे हैं। साथ ही महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े वादे और घोषणाएं कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, तमिलनाडु, तेलंगाना और पुडुचेरी (केंद्र शासित प्रदेश) में पुरुषों की तुलना में महिला वोटर्स अधिक हैं।
देश में 47.1 करोड़ महिला मतदाता
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 96.8 करोड़ मतदाता हैं। इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष और 47.1 करोड़ महिला मतदाता हैं। आयोग के मुताबिक, 85.3 लाख महिला मतदाताओं की उम्र 18 से 19 साल है।
– लोकसभा चुनाव के लिए सियासी दलों ने प्रचार किया तेज
सर्वाधिक मतदान में ये तीन राज्य आगे
आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, देश में आज तक जिन 10 लोकसभा सीटों पर सर्वाधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया है वे सिर्फ तीन राज्यों, पश्चिम बंगाल, असम और नगालैंड में हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब तक नगालैंड लोकसभा सीट के नाम सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड दर्ज है। 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 91.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह रिकॉर्ड आज तक नहीं टूट पाया है। इसके बाद असम की धुबरी लोकसभा सीट का नंबर आता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 90.66 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सर्वाधिक मतदान प्रतिशत के मामले में पश्चिम बंगाल की तामलुक सीट तीसरे नंबर पर है। यहां 2009 के आम चुनाव में 90.32 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया था।
1. 5 राज्यों की 679 विधानसभा सीटों के लिए 1.77 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
2. 17734 मॉडल बूथ, 621 पोलिंग बूथों को दिव्यांग कर्मचारी मैनेज करेंगे।
3. 8192 पोलिंग बूथों पर महिलाएं कमान संभालेंगी। 1.01 लाख पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी।
4. आदिवासियों के स्पेशल बूथ होंगे। 2 किलोमीटर के अंदर पोलिंग बूथ होंगे।
5. सी विजिल एप से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। एप के जरिए शिकायत कर सकेंगे।