संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। मोदी सरकार के 10 वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र में तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। एनारॉक और नरेडको की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2023 के बीच शीर्ष सात शहरों में 28.27 लाख मकान बिके हैं। 29.32 लाख नए घर लॉन्च किए गए। मांग बढ़ने से मकानों की कीमतें भी 25 से 60 फीसदी तक बढ़ गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, रियल एस्टेट क्षेत्र कुल रोजगार में 18 फीसदी का योगदान देता है। एक दशक में देश की अर्थव्यवस्था शीर्ष पांच में शामिल हो गई है। लगातार तीन वर्षों से सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। ऐसे में आवासीय बाजार भी तेजी दिखा रहा है।
2017 में जहां पूरे देश में मकानों की इन्वेंट्री 41 महीने पर थी, वह अब घटकर 15 महीने पर आ गई है। 60 फीसदी तक बढ़ गई हैं मकानों की कीमतें।
2023 तक 4.35 लाख मकान पूरे हुए
2024 में 5.31 लाख मकान पूरे होने की उम्मीद है। 2017 से कई राज्यों में लागू रेरा रियल एस्टेट क्षेत्र में विनियमन लाया। इससे पारदर्शिता बढ़ी और समय पर परियोजनाएं पूरी हुईं।
स्वामी फंड के तहत 26,000 घर पूरे
2019 में शुरू हुए स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एवं मिड इनकम हाउसिंग (स्वामी फंड) के तहत 2023 तक 26,000 घर पूरे किए गए हैं। अगले तीन सालों में 80,000 घर पूरे होने की उम्मीद है।
83 लाख करोड़ रुपये का होगा आवासीय क्षेत्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक आवासीय क्षेत्र का आकार एक लाख करोड़ डॉलर यानी करीब 83 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। यह जीडीपी में 13 फीसदी का योगदान करेगा।