ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि देश में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। विभाग ने हालांकि साथ ही यह भी कहा कि मानसून के दौरान अल नीनो की स्थिति भी बन सकती है‚ लेकिन सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) और उत्तरी गोलार्द्ध पर कम बर्फ पड़ने से इन स्थितियों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए राहत की खबर है‚ क्योंकि पिछले साल कुछ राज्यों में मानसून की स्थिति संतोषजनक नहीं रही थी। कृषि क्षेत्र फसलों की पैदावार के लिए मुख्य रूप से मानसून की बारिश पर ही निर्भर रहता है। आईएमडी के पूर्वानुमान से एक दिन पहले निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वैदर’ ने देश में मानसून के दौरान ‘सामान्य से कम’ बारिश होने का अनुमान जताया था।
विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया‚ कि भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य बारिश हो सकती है। यह दीर्घावधि औसत का ९६ प्रतिशत (इसमें पांच प्रतिशत ऊपर या नीचे हो सकता) है। दीर्घावधि औसत 87 सेमी है। आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने बताया कि बारिश के सामान्य और सामान्य से ज्यादा होने की 67 प्रतिशत संभावना है। उन्होंने बताया कि फरवरी–मार्च 2022 के दौरान उत्तरी गोलार्द्ध और यूरेशिया में बर्फ से ढके क्षेत्र सामान्य से कम रहे हैं।