प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा ने भारत के मान और सम्मान में अभूतपूर्व इजाफा किया है। पीएम मोदी के स्वागत में पूरा अमेरिका मोदीमय हो गया। पीएम मोदी का अमेरिका दौरा उनकी आधिकारिक यात्रा का प्रथम चरण रहा। इसके बाद पीएम मिस्र की दो दिवसीय यात्रा उनके व्यस्त कार्यक्रम में शामिल रही। पीएम मोदी की इस बार की अमेरिका यात्रा बहुत खास रही तथा इसके एजेंडे में अनेक महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। इसका सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना रहा। इसके अतिरिक्त दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापार व निवेश साझेदारी और प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, अंतरिक्ष, विनिर्माण और निवेश जैसे कई अन्य अहम मुद्दे भी इस यात्रा का हिस्सा रहे जिन पर दोनों देश महत्वपूर्ण साझेदारी निभाना चाहते हैं।
विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के अमेरिका के इस राजकीय दौरे को दोनों देशों के संबंधों के लिए ‘मील का पत्थर’ करार दिया है। साथ ही इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण यात्रा की भी संज्ञा दी है। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा के अनुसार पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का एक अहम मकसद यह रहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत प्रौद्योगिकी गठजोड़ बढ़े, रक्षा औद्योगिक सहयोग रोड मैप और आर्थिक संबंधों में और बेहतरी आए। इसके अतिरिक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मिलकर रक्षा सह-उत्पादन और सह-विकास से जुड़े सभी मसलों पर चर्चा के साथ-साथ सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस में सहयोग को और गहन करने के लिए जमीन तैयार करने की पहल भी इस यात्रा के दौरान एक नए आयाम पर पहुंचेगी, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। इस बात की भी पूरी उम्मीद रही कि जनरल इलेक्टि्रक को घरेलू स्तर पर बने लड़ाकू विमानों के लिए भारत में इंजन बनाने के लिए अमेरिका की मंजूरी मिल जाए, 3 अरब डालर मूल्य के 31 सशस्त्र एमक्यू-9 बी सी गार्डियन ड्रोन की खरीद की घोषणा भी इसमें अहम रही ताकि भारत अपने क्षेत्र में एक दृढ़ और मजबूत शक्ति बन कर उभरे। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समग्र विकास और शांति के लिए अत्यंत अावश्यक है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने बयान में कहा कि भारत के साथ हमारी साझेदारी सबसे अहम है। हम भारत के साथ कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं और हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र को मुक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर रखने में भारत की अहम भूमिका है। दरअसल हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश में लगा है। भारत ही एकलौता ऐसा देश है जो चीन को इस क्षेत्र में रोके हुए है और आगे भी रोक सकता है। यही कारण है कि चीन को भारत और अमेरिका के बीच गहरी होती दोस्ती कभी रास नहीं आती। इसीलिए पीएम मोदी की अमेरिका की इस यात्रा पर देश और दुनिया की निगाहें भी टिकी हैं कि इसके क्या परिणाम निकलते हैं। अमेरिका और भारत के बीच होने वाले हर समझौते से चीन और पाकिस्तान सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए भी उनकी निगाहें इस यात्रा पर सर्वाधिक लगी हुई हैं। अमेरिकी डेमोक्रेट सीनेटर मार्क वार्नर का कहना है कि भारत अपनी सीमा पर चीन का प्रतिद्वंद्वी है। ऐसे में भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता और अहम हो जाती है। कांग्रेस सदस्य जुआन किस्कोमनि ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह मोदी की ऐतिहासिक यात्रा का स्वागत करते हैं क्योंकि दोनों देशों के आपसी रिश्ते एक दूसरे के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमर का कथन है कि हमें गर्व है कि भारत में निवेश करके हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में हमें एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मिल रहा है।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर भारतीय अमेरिकियों के एक बड़े हिस्से में भी खुशी और उत्साह का माहौल रहा। सैकड़ों भारतवंशी देश के प्रमुख स्थानों पर एकत्र हुए और मोदी के समर्थन में नारेबाजी की। वाशिंगटन डीसी व उसके आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों भारतीय अमेरिकी एकता का संदेश देने के लिए राष्ट्रीय स्मारक के पास जुटे। न्यूयॉर्क से लेकर वाशिंगटन तक इस दौरे को लेकर अमेरिकी प्रशासन एवं प्रवासी भारतीयों में खासा उत्साह देखने को मिला। पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारी की गई। भारत-अमेरिका के रिश्ते नए दौर में पहुंच गए और दोनों देशों की दोस्ती नई बुलंदियों को छू रही है, इसे दर्शाने के लिए वाशिंगटन सहित 20 शहरों में प्रवासी भारतीयों की ओर से एकता मार्च निकाला गया। भारतीय मूल के लोगों ने रैलियों में ‘मोदी मोदी’, ‘वंदे मातरम’ और ‘वंदे अमेरिका’ के नारे लगाए। एकता मार्च में शामिल भारतीय – अमेरिका मूल के रमेश आण रेड्डी ने कहा, ‘हम सभी यहां पर आए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की मुलाकात हमारे लिए गर्व का क्षण है।’ पीएम मोदी के सम्मान में करीब 25 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का यहां आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह अमेरिका दौरा कई मायनों में खास, ऐतिहासिक एवं गर्व का विषय इसलिए भी है कि नरेंद्र मोदी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री हैं जो राजकीय निमंत्रण पर अमेरिका के दौरे पर आए। अपने नौ साल के कार्यकाल में उनका यह आठवां अमेरिका दौरा था लेकिन पीएम मोदी की यह पहली राजकीय यात्रा रही थ्ाी। यह पहली बार हुआ जब अमेरिका की धरती पर पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी दी गई। यह सलामी भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी और संबंधों के नए दौर में प्रवेश करने की मुनादी भी है। पीएम मोदी के सम्मान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा दिए गए रात्रिभोज में शामिल होने के लिए अमेरिका की दिग्गज हस्तियों में होड़ मची रही। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग भी किया जिसमें 180 देशों के नेताओं, अधिकारियों व अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम ्’ की मूल अवधारणा के साथ यहां मनाया गया जिसमें पूरे विश्व के स्वास्थ्य की कामना की गई।