संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लॉन में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में योग को मैत्री, शांति एवं समन्वय के साथ जी20 की थीम ‘एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य’ से जोड़ना तथा इसके जरिए भारत के सर्वमान्य सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ’ के संदेश की महत्ता को स्थापित करना पीएम मोदी के ‘मास्टर स्ट्रोक’ से कम नहीं था।
प्र धानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और मिस्र की अपनी अभूतपूर्व यात्रा संपूर्ण करके भारत लौट आए हैं। इस यात्रा का अगर निष्कर्ष निकाला जाए तो पीएम मोदी जहां भारत के हर तरह के विकास लिए बहुत कुछ ले कर आए हैं तो अमेरिका और मिस्र की उन्नति में साझीदार के रूप में बहुत कुछ दे कर भी आए हैं। इस यात्रा में भारत और अमेरिका के बीच ‘21वीं सदी को हर प्रकार से परिभाषित करने वाला’ संबंध और मजबूत हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच अंतरिक्ष से लेकर धरती और सागर तलक हुए समझौतों पर नजर डालें तो यह तथ्य स्वत: ही सिद्ध नजर आता है। अमेरिका ने जिस तरह से भारत को हाथों हाथ लिया, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्रपति जो बाइडन दिल से यह चाहते थे कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के संबंध नई ऊंचाइयां छुएं और यह यात्रा दोनों देशों के लिए सारगर्भित रहे। इसलिए पीएम मोदी का भी यह कहना कि इस यात्रा से ‘वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में एक नया अध्याय शुरू’ हुआ है, पूरी तरह से तर्कसंगत लगता है।
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी का भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा इतिहास में दर्ज होगी क्योंकि इससे भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों के ‘नए साहसिक अध्याय’ की शुरुआत हुई है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी बनता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन से जितनी भी बार वार्ता की थी, उस दौरान दोनों देशों ने रणनीतिक संबंधों में लंबी छलांग लगाई। संबंधों को नया आयाम देने में मदद के लिए पीएम मोदी ने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन का भी आभार व्यक्त किया। इस दौरान कई अहम समझौते हुए, जिनमें भारत में संयुक्त रूप से जेट इंजन का निर्माण और सैन्य ड्रोन खरीद प्रमुख रहे। इसके अलावा सेमीकंडक्टर का भारत में बेस बनाने, इसको बनाने वाली मशीन का निर्माण भारत में करने वाली कंपनी के अरबों के निवेश के समझौते को देखें तो तकनीक के ऐसे हस्तांतरण जैसी बातें पूर्व में कभी नहीं हुईं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी मानते हैं कि भारत के साथ यह साझेदारी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारियों में से एक है जो अधिक मजबूत, करीबी और अधिक गतिशील है।
इसी प्रकार मिस्र में भी पीएम मोदी ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत-मिस्र के संबंधों को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। पीएम मोदी गत 26 वर्षों में मिस्र की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। काहिरा में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से भेंट कर आपसी रिश्तों को हर दिशा में मजबूत करने का वादा भी पीएम मोदी ने किया। अल-सिसी इसी वर्ष जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए थे। इस दौरान दोनों शीर्ष नेताओं ने कई अहम फैसले लिए थे और द्विपक्षीय संबंधों का स्तर और ऊंचा करके सामरिक साझेदारी विकसित करने पर सहमति व्यक्त की थी। अल सिसी की भारत यात्रा के पांच माह बाद ही पीएम मोदी मिस्र के राजकीय दौरे पर पहुंचे तथा राष्ट्रपति को इसी साल सितंबर में भारत में होने वाले जी20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बतौर विशेष अतिथि आमंत्रित भी किया।
आज कोविड महामारी और चीन की नीतियों के चलते विश्व व्यवस्था में तेजी से बड़ा बदलाव आ रहा है। तीन दशकों में भारत की अर्थव्यवस्था का काफी विस्तार हुआ और हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मत है कि जल्द ही भारत की अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी। मिस्र को अपनी बढ़ती आबादी के कारण निवेश की दरकार है, इस कारण भी अल-सिसी सरकार भारत की ओर फिर से देख रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अल-सिसी निस्संदेह एक-दूसरे का सहयोग करना चाहते हैं। अब लग रहा है कि रिश्तों में दूरियों का दौर खत्म हो रहा है।
यहां यह भी उल्लेख करना समीचीन है कि विदेशी जमीन पर भारत को जिस शानदार और सकारात्मक ढंग से पीएम मोदी प्रस्तुत करते हैं, उतना कोई और नहीं कर सकता। उनमें यह गुण विद्यमान है एवं वह अति आकर्षक तरीके से यह बताने की क्षमता रखते हैं कि नया भारत क्या और कैसा है, नया भारत किस तरह से औरों से भिन्न है, देश ने क्या नई उपलब्धियां पाई हैं तथा भारत किस तरह से आत्मनिर्भर हो रहा है। वह यह भी उतनी ही खूबसूरती से बताते हैं कि आने वाले समय में भारत क्या-क्या और हासिल करने जा रहा है।
पीएम मोदी का ये दौरा बिना किसी संदेह के इस बात का साक्षात् गवाह भी है कि मोदी भारत के सर्वश्रेष्ठ दूत ही नहीं बल्कि देश व दुनिया के भी सर्वाधिक लोकप्रिय व सर्वश्रेष्ठ नेता हैं क्योंकि अभी हाल ही में पीएम मोदी को लगातार चौथी बार विश्व का सबसे लोकप्रिय नेता होने का भी गौरव हासिल हुआ है। अपने सुविचारित नजरिए, सोच और बातचीत के अपने खास अंदाज की वजह से पीएम मोदी भारत की सर्वश्रेष्ठ ब्रांडिंग कर पाते हैं। अमेरिका में पीएम मोदी ने चुने हुए उद्योगपति घरानों के नेताओं, जनमत को प्रभावित करने वाले चिंतकों, नोबेल पुरस्कार विजेता, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों व लेखकों, थिंक टैंक, विश्व बैंक के उपाध्यक्ष व बड़े -बड़े निवेशकों संग जिस तरह से भेंट की, वह उनके विशिष्ट कौशल को ही दर्शाता है। इन मुलाकात करने वालों में ट्विटर के मालिक एलन मस्क भी शामिल थे जिन्होंने भेंट करने के बाद कहा कि मैं पीएम मोदी का फैन हूं। यही नहीं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी दूनिया का नेतृत्व करके उन्होंने भारत का जो मान बढ़ाया, वह अतुलनीय है। 191 देशों के प्रतिनिधियों के एक साथ योग करने से यह दिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल हो गया। इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लॉन में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में योग को मैत्री, शांति एवं समन्वय के साथ जी20 की थीम ‘एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य’ से जोड़ना तथा इसके जरिए भारत के सर्वमान्य सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के संदेश की महत्ता को स्थापित करना पीएम मोदी के ‘मास्टर स्ट्रोक’ से कम नहीं था।