ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर हमले की सीबीआई से जांच कराने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। पश्चिम बंगाल सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने केस वापस कलकत्ता हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिया और नए सिरे से देखने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ‘हाईकोर्ट को देखना चाहिए कि क्या पश्चिम बंगाल पुलिस ने पूरे मामले की पारदर्शी तरीके से जांच की या वास्तव में केस को सीबीआई के पास भेजा जाना चाहिए। हम 28 मार्च के कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हैं और मामले को दोबारा हाईकोर्ट के पास भेज रहे हैं’।
पहलुओं को देखा ही नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए रिकॉर्ड के सभी पहलुओं को कायदे से देखा ही नहीं और दिमाग भी नहीं लगाया। खासकर उस एफिडेविट को जिसमें सरकार ने बताया था कि पुलिस प्रशासन ने क्या-क्या कदम उठाए हैं।
इस एफिडेविट में बताया गया है कि पुलिस ने 30 लोगों के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया। यह मामला हाईकोर्ट के सामने था और 21 लोगों की गिरफ्तारियों से भी अवगत कराया गया था। इसके बावजूद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किसी भी बिंदु पर ध्यान ही नहीं दिया।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि चूंकि आरोप सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं पर है, ऐसे में संभावना है कि राज्य की पुलिस पारदर्शी तरीके से जांच न करे। खासकर ऐसी परिस्थिति में जब दूसरा पक्ष, राज्य की सबसे बड़ी अपोजिशन पार्टी का कार्यकर्ता है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि घटना 25 फरवरी को हुई, इसके बावजूद एक एफआईआर 26 और दूसरी 27 को दर्ज हुई। पुलिस की 3 मार्च की रिपोर्ट में कहा गया कि जांच अभी शुरुआती स्टेज पर ही है।