आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारत ने प्रवासियों से धन पाने में इस साल भी दुनिया में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। इस दौरान प्रवासी भारतीयों ने देश में अनुमानित 125 अरब डॉलर (10.37 लाख करोड़ रुपये) की रकम भेजी है। विश्व बैंक की प्रवासन एवं विकास रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के श्रम बाजार में सख्ती व यूरोप में रोजगार वृद्धि की वजह से प्रवासियों ने भारत में अनुमान से भी अधिक धन भेजा है।
रिपोर्ट में सबसे ज्यादा धन प्राप्त करने वाले भारत की महत्वपूर्ण स्थिति पर खास जोर दिया गया है। इसके मुताबिक, दक्षिण एशियाई क्षेत्र की बात करें तो प्रवासियों की ओर से भारत में भेजे जाने वाली राशि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसने दक्षिण एशियाई देशों को मिलने वाली रकम बढ़ाने में सकारात्मक योगदान दिया है, जिससे समग्र रूप से दक्षिण एशियाई देशों में 2023 में भेजी गई राशि में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में निम्न एवं मध्य आय वाले देशों (एलएमआईसी) में प्रवासियों की ओर से भेजी जाने वाली राशि में निरंतर वृद्धि हो रही है। हालांकि, बीतेे वर्षों की तुलना में रफ्तार धीमी है।
-कम आय वाले देशों में 3.8 फीसदी वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक प्रवासी नागरिकों ने 2023 में निम्न एवं मध्य आय वाले देशों में अनुमानित 699 अरब डॉलर की रकम भेजी है। यह एक साल पहले की तुलना में करीब 3.8 फीसदी अधिक है। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और खाड़ी सहयोग परिषद देशों के लचीले श्रम बाजारों ने प्रवासियों की घर पैसे भेजने की क्षमता का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इन देशों में गिरावट
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में लगातार दूसरे वर्ष प्रवासियों की ओर से भेजे जाने वाले धन में गिरावट देखी गई है। यूरोप और मध्य एशिया में भी प्रवाह 1.4 फीसदी घटा है, जबकि 2022 में तेजी दर्ज की गई थी। विश्व बैंक के प्रेषण मूल्य डाटाबेस से पता चलता है कि प्रवासियों की अपने देश में धन भेजने की लागत लगातार ऊंची बनी हुई है। 2023 की दूसरी तिमाही तक 200 डॉलर भेजने की औसत लागत 6.2 फीसदी रही। बैंक धन भेजने के लिए 12.1 फीसदी की औसत लागत के साथ सबसे महंगा माध्यम बने हुए हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में भरोसा कायम
विश्व बैंक ने कहा कि प्रवासियों से धन पाने में भारत का सबसे आगे रहना इस बात का संकेत है कि प्रवासी भारतीयों का अपने देश की अर्थव्यवस्था में भरोसा बना हुआ है।
मैक्सिको 67 अरब डॉलर
चीन 50 अरब डॉलर
फिलीपीन्स 40 अरब डॉलर
मिस्र 24 अरब डॉलर