ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मेट्रो की सुस्त रफ्तार ‘नमो भारत’ ट्रेन के प्रयोग से दूर हो सकती है। इसके लिए स्पेन के शहर बार्सिलोना और मैड्रिड ने एनसीआरटीसी से संपर्क किया है।
मेरठ में ‘नमो भारत’ ट्रेन और मेट्रो का एक ही ट्रैक पर संचालन विदेशों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह दुनिया में इस तरह का पहला प्रयोग है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच नमो भारत ट्रेन का संचालन के बाद एनसीआरटीसी अब मेरठ तक नमो भारत और मेरठ में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की तैयारी में है। मेरठ में पहली बार एक ही ट्रैक पर नमो भारत और मेट्रो के संचालन का प्रयोग किया जाएगा। इसको लेकर देश के साथ विदेशों में भी उत्सुकता है। दरअसल, अभी तक इस तरह का प्रयोग कहीं नहीं हुआ है। दोनों ट्रेनों का संचालन एनसीआरटीसी करेगी। नमो भारत में पांच किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर स्टेशन बनाए गए हैं, जबकि मेरठ मेट्रो में यात्रियों को दो किलोमीटर से कम दूरी पर स्टेशन मिल जाएंगे।
एनसीआरटीसी के प्रबंधन निदेशक विनय कुमार सिंह बताते हैं कि मेरठ में यह प्रयोग करने से कम खर्चे पर यात्रियों को दोनों तरह के सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल पाएगी। यह भारतीय इंजीनियरिंग का बड़ा प्रयोग है। उन्होंने बताया कि जर्मनी रेलवे भी नमो भारत के संचालन पर नजर रखे हुए है। यूरोप में मेट्रो संचालन बहुत पहले शुरू हुआ, लेकिन भारत में एक ही ट्रैक पर मेट्रो और नमो भारत के संचालन पर वह नजर रखे हुए हैं। आने वाले समय में नमो भारत जैसे प्रोजेक्ट पर भारतीय कंपनियां यूरोप के शहरों में काम करते हुए देखी जा सकती हैं।
अलग से कोच बनाए जाएंगे
मेरठ मेट्रो का ट्रायल अगले साल शुरू कर दिया जाएगा। इसका संचालन 2025 में पूर्ण रूप से किया जाएगा। दोनों तरह के परिवहन को एक ही ट्रैक पर चलाने में मात्र तीन से पांच सेकेंड का अंतर आएगा। मेट्रो के लिए अलग से कोच बनाए जाएंगे। इनका निर्माण भी मेक इन इंडिया की तर्ज पर गुजरात में किया जाएगा।
सार्वजनिक परिवहन की रफ्तार बढ़ेगी
एनसीआरटीसी के प्रबंधन निदेशक ने बताया कि मेट्रो की औसत गति तीस किलोमीटर प्रतिघंटा के आसपास है। इसके चलते तीस किलोमीटर से ज्यादा सफर शहरों में एक घंटे से ज्यादा में होता है। सार्वजनिक परिवहन को उपयोगी बनाने के लिए समय घटाने की जरूरत है। नमो भारत इस जरूरत को पूरा कर रही है। मेरठ में चार नमो भारत स्टेशन हैं और मेट्रो के लिए इसके अलावा नौ स्टेशन रखे गए हैं। इससे यात्रियों की अपनी दूरी के हिसाब से ट्रेन चुनने की सुविधा मिलेगी