कश्वि पंवार
जयपुर। राजस्थान पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आत्मघाती प्रवृत्ति प्रदर्शित करने वाले छात्रों की पहचान करने के लिए ‘मेटा’ के साथ समझौता किया है। यह कवायद इसलिए शुरू की गई है ताकि पुलिस को समय रहते बच्चों के बारे में जानकारी मिल सके और वह उनकी जिंदगियां बचा सके।
पुलिस का दावा है कि उसने समझौते के पहले ही दिन झुंझुनू के एक छात्र को आत्महत्या करने से रोका। छात्र ने सोशल मीडिया पर रील डाली थी, उसके बाद ‘मेटा’ ने पुलिस को अलर्ट किया और पुलिस को सारी डिटेल भेजी। उसके बाद पुलिस ने डिटेल को आगे बढ़ाते हुए झुंझुनू थाना अधिकारी को अलर्ट किया। पुलिस मौके पर छात्र के घर पहुंची तो पता चला कि छात्र घर पर नहीं है। छात्र उस समय राजकोट में था। परिजनों ने छात्र से बात की और उसके बाद सारे मामले को संभाला गया।
चौबीस घंटे काम करेगी टीम
‘मेटा’ न केवल कोटा शहर बल्कि पूरे राजस्थान राज्य से ऐसी जानकारी साझा करेगी। आत्महत्या की प्रवृत्ति का संकेत देने वाले रेड-फ्लैग टैग की निगरानी के लिए शहर के अभय कमांड सेंटर में आठ घंटे की शिफ्ट में चौबीसों घंटे काम करने वाली एक समर्पित टीम को तैनात किया गया है। इसका उपयोग संबंधित क्षेत्र और राजस्थान के अन्य जिलों की पुलिस को अलर्ट करने के लिए किया जाएगा ताकि वे समय पर हस्तक्षेप कर सकें और बच्चों की जान बचाई जा सके।’
क्या है मेटा कंपनी
एक बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी समूह है। कम्पनी अन्य सहायक कम्पनियों, उपयोगकर्ताओं के बीच फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप के जरिए संपर्क स्थापित करने में तीव्र गति से मदद करती है। मार्क जुकरबर्ग इसके सीईओ हैं। मेटा दुनिया की सबसे मूल्यवान कम्पनियों में से एक है।