ब्लिट्ज ब्यूरो
गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर जल्दी खुलेगा। इसके जरिए शहर में छात्रों को पहले वर्ष 100 सीटों में एमबीबीएस कोर्स की सुविधा मिलेगी। साथ ही यहां 1800 बेड के अस्पताल का भी संचालन किया जाएगा। गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर खुलने से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। वाराणसी और लखनऊ के बाद गोरखपुर में निजी क्षेत्र का यह पहला मेडिकल कॉलेज होगा। कुलपति डॉक्टर अतुल बाजपेई और कुलसचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार राव ने बताया कि यह मेडिकल कॉलेज तीन चरण में बनकर तैयार होगा।
कुलपति ने बताया कि यह मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। पहले चरण में एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा। वहीं, दूसरे चरण में 150 और तीसरे चरण में सीटों की संख्या 250 तक बढ़ जाएंगी। इस मेडिकल कॉलेज के बनने के बाद छात्रों को गोरखपुर में ही बेहतर कॉलेज की सुविधा मिलने लगेगी। यहां से वह अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे।
दो कमेटी कर रही सहयोग
गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर खोलने के लिए दो कमेटियों का बड़ा सहयोग मिला है। कुल सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार राव बताते हैं कि इसकी स्थापना के लिए रोल मॉडल के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की दो कमेटी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की कमेटी कैंसर रोग विशेषज्ञ एवं बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के डॉक्टर संजय माहेश्वरी की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें एम्स, नई दिल्ली के डॉक्टर संजीव सिंह, केंद्र सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉक्टर जीएन सिंह, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के डॉक्टर राघवेंद्र राव शामिल हैं। साथ ही इसकी प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट में कुलपति मेजर जनरल डॉक्टर अतुल बाजपेई अध्यक्ष के रूप में तो उनके साथ और कई प्रोफेसर शामिल हैं।