ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और फलियों से भरपूर शाकाहारी आहार में भरपूर मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज होते हैं। वहीं, मांसाहारी आहार प्रोटीन के लिए उचित माना जाता है। कई लोगों के लिए शाकाहार से कोलेस्ट्रॉल कम होने, हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के खतरों में कमी जैसे फायदे होते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह आहार उतना असरदार नहीं होता।
जॉर्जिया विवि का शोध
जॉर्जिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में इस बात की पड़ताल की कि जीन में अंतर किस तरह से व्यक्ति के पोषक तत्वों और आहार संबंधी बीमारी के प्रति प्रतिक्रिया पर असर डालता है। शोधकर्ताओं ने 1.50 लाख लोगों के डाटा का विश्लेषण किया और इनमें 2,300 ऐसे लोगों की पहचान की, जो पूरी तरह शाकाहारी भोजन का सेवन करते थे। अध्ययन के परिणाम पीएलओएस जेनेटिक्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
अच्छा आहार खोजने में मिलेगी मदद
शोधकर्ताओं का कहना है कि शोध के परिणामों को देखते हुए शाकाहारियों और मांसाहारियों को व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप सबसे अच्छे आहार खोजने में मदद मिल सकती है। आनुवंशिक भिन्नता भोजन की पसंद और नापसंद को भी प्रभावित कर सकती है और परिणामस्वरूप पोषण को भी प्रभावित कर सकती है। जीन में भिन्नताएं यह अनुमान लगाती हैं कि आपका शरीर कुछ पोषक तत्वों के प्रति किस तरह की प्रतिक्रिया देगा।
किडनी के रक्त छानने की दर पर भी असर देखा गया
अध्ययन में देखा गया कि अगर किडनी को स्वस्थ रखना है तो कुछ खास भोजन से परहेज करना चाहिए। इसमें ज्यादा सोडियम वाला खाना, प्रोसेस्ड मीट, कार्बोनेडेटेड ड्रिंक्स जैसी चीजें शामिल हैं। दरअसल अलग-अलग तरह के भोजन से गुर्दे के रक्त छानने की दर भी कम या अधिक पाई गई।
हृदय के लिए फायदेमंद, पर विटामिन डी की कमी
शोध के दौरान पाया गया कि अधिकतर शाकाहारियों में कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (न्यून घनत्व लिपोप्रोटीन) और एचडीएल स्तर सहित सभी मापों में कोलेस्ट्रॉल कम था जो हृदय के लिए फायदेमंद हो सकता है, जबकि शाकाहारियों में विटामिन डी का स्तर कम था और मांसाहारियों की तुलना में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर अधिक था। विश्लेषण में ज्यादातर शाकाहारियों में कैल्शियम का स्तर कम पाया गया जिसका सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव हो सकता है।
इसके विपरीत माइनर एलील जीन वाले लोगों में कैल्शियम का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया। इससे हड्डियों और दांत के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, लेकिन कैल्शियम के उच्च स्तर से गुर्दे की पथरी में विकास और हृदय संबंधी समस्याएं देखी गई।