ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। राज्य में बिजली की मांग और खपत में संतुलन बनाए रखने के लिए महाराष्ट्र सरकार राज्य की सभी चीनी मिलों में सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की तैयारी में लगी है।
राज्य सरकार की चीनी मिलों में उपलब्ध भूमि, गोदामों और भवनों पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना है। चीनी मिलें अपनी जरूरत के अतिरिक्त की बिजली बेच कर कमाई भी कर सकेंगी।
बिजली संकट
राज्य में बिजली की बढ़ती मांग की वजह से कुछ जिलों में दिन में बिजली मिलना मुश्किल हो गया है। जैसे-जैसे खपत बढ़ रही है, समस्या और विकराल हो रही है। विकल्प के तौर पर सरकार सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली पैदा करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। राज्य में करीब 230 चीनी मिलें हैं।
परिसर में पर्याप्त जगह
चीनी मिलों के परिसर में पर्याप्त जगह है। इसके अलावा कई मिलों के पास कृषि भूमि है। इस जमीन को उपयोग में लाने के लिए सोलर प्रोजेक्ट लागू करने की योजना तैयार की गई है।
चीनी मिलों से अपील
महाराष्ट्र राज्य चीनी आयुक्त डॉ. कुणाल खेमनार ने चीनी मिलों से अपील की है कि, आप उपलब्ध भूमि, गोदामों और भवनों पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करें ताकि आपको आवश्यक बिजली मिल सके और शेष बिजली की बिक्री से पैसा भी मिल सके।
चीनी आयुक्त कार्यालय ने यह भी कहा कि, अगले कुछ वर्षों में राज्य की 230 चीनी मिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। चीनी आयुक्तालय की तरफ से चीनी मिलों को शेष भूमि पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना
किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना शुरू की है। सरकार इसके लिए सरकारी भूमि अधिग्रहण की तैयारी में जुटी हुई है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने बाद पश्चिमी महाराष्ट्र में 900 मेगावाट की सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के तहत निर्माण का पहला फेस शुरू हो जाएगा। इससे 170 उपकेंद्रों को बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
सरपंचों से अनुरोध
सरकार ने ग्राम पंचायतों के सरपंच समेत अन्य संबंधित लोगों से अनुरोध किया है कि तेजी से बनाए जा रहे सौर ऊर्जा उत्पादन प्रोजेक्ट में सहयोग करें क्योंकि उप केंद्र के क्षेत्र के हजारों किसानों को इसकी बदौलत दिन में स्थायी बिजली आपूर्ति की जाएगी।
ऊर्जा परियोजनाएं
सरकारी योजना के अनुसार ग्राम पंचायत के क्षेत्र में ऊर्जा परियोजनाएं लागू की जाएंगी और उन ग्राम पंचायतों को तीन साल में 15 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा दी गई योजना के अनुसार महाराष्ट्र में 707 उप स्टेशनों से कृषि के लिए दिन के समय बिजली की आपूर्ति की जाने की योजना है। इसके लिए पांच हजार 877 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है और जब 5 हजार 344 एकड़ सरकारी जमीन अधिग्रहण किया गया है।