ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में 81 फीसदी लोगों का लिपिड प्रोफाइल (डिस्लिपिडेमिया) खराब पाया गया है। करीब 1.13 लाख लोगों के लिपिड प्रोफाइल की जांच के बाद कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने डिस्लिपिडेमिया के प्रबंधन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीएसआई सभी अस्पतालों, हृदय रोग विशेषज्ञों को इसे अपनाने को कहा है।
देश में पहली बार तैयार किए गए दिशा-निर्देश
पहली बार तैयार किए गए दिशा-निर्देशों में ‘टोटल कोलेस्ट्रॉल’ की अधिकतम सुरक्षित सीमा को 190 एमजी/डीएल निर्धारित किया गया है। मौजूदा समय में यह सीमा 200 एमजी/डीएल की है, जो मूलतः पश्चिमी देशों की है जिसे भारत में अपनाया जाता है। इसी प्रकार कम, मध्यम, उच्च और अत्यधिक उच्च जोखिम वाली चार नई उप श्रेणियों के लिए अलग-अलग सीमाएं तय की गईं ं।
कोलेस्ट्रॉल के स्तरों में गड़बड़ी पाई गई
अध्ययन के सह लेखक एम्स के प्रोफेसर डा. एस. रामकृष्णन ने कहा कि लिपिड प्रोफाइल की समय पर जांच और उसे नियंत्रण में रखकर हार्ट अटैक के 50 फीसदी मामलों को रोका जा सकता है। उन्होंने चिंता जाहिर कि 81 फीसदी लोगों के लिपिड प्रोफाइल यानी विभिन्न प्रकार के कोलेस्ट्रॉल के स्तरों में गड़बड़ी पाई गई। महज 10 फीसदी लोग ही ऐसे थे जो कोलेस्ट्रॉल दवाएं ले रहे थे। शेष लोग गड़बड़ी से अनजान थे।
हार्ट अटैक के 50 फीसदी मामले 50 साल से कम उम्र के लोगों में आ रहे हैं। 15-20 फीसदी मामले 40 साल से कम उम्र के लोगों को आ रहे हैं। 15 फीसदी मामले आनुवांशिक कारणों से आ रहे हैं।
हार्ट अटैक के 50 फीसदी मामलों को रोकना संभव
अध्ययन के सह लेखक एम्स के प्रोफेसर डा. एस. रामकृष्णन ने कहा कि लिपिड प्रोफाइल की समय पर जांच और उसे नियंत्रण में रखकर हार्ट अटैक के 50 फीसदी मामलों को रोका जा सकता है। उन्होंने चिंता जाहिर कि 81 फीसदी लोगों के लिपिड प्रोफाइल यानी विभिन्न प्रकार के कोलेस्ट्रॉल के स्तरों में गड़बड़ी पाई गई।
डिस्लिपिडेमिया एक साइलेंट किलर है। समय पर उपचार बेहद जरूरी है। -डॉ. प्रताप चंद्र रथ, अध्यक्ष, सीएसआई
लिपिड प्रोफाइल की नई गाइडलाइन
लिपिड पैरामीटर मौजूदा रेंज नई रेंज
– टोटल कोलेस्ट्रॉल 200 से कम 190 से कम
– एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 100 से कम 100 से कम
– नॉन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 130 से कम 130 से कम
– एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 40 से अधिक 50 से अधिक
– ट्राइग्लिसराइड्स 150 से कम 150 से कम
– कम जोखिम : ऐसे व्यक्ति, जिन्हें हृदय रोग से जुड़ा संकेत या कारक नहीं है।
– मध्यम जोखिम ः ऐसे लोग जिनका खराब लिपिड प्रोफाइल व अन्य कारण हो।
– उच्च जोखिम ः मधुमेह के साथ कोई एक जोखिम भी जुड़ा हो।
– अत्यधिक उच्च जोखिम ः स्ट्रोक या दिल की किसी बीमारी से जूझ रहे हों।