संजय द्विवेदी
लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली व साथ लगते इलाकों को मिलाकर बने एनसीआर की तरह अब उत्तर प्रदेश में बनेगा एससीआर यानी राज्य राजधानी क्षेत्र। प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर का विस्तार करके राज्य राजधानी क्षेत्र बनाने के प्लान पर काम किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के आठ जिले शामिल होंगे। यह प्रस्ताव इन दोनों प्रमुख शहरों पर बढ़ते जनसंख्या के बोझ को देखते हुए तैयार किया गया है। लखनऊ और कानपुर, दोनों उत्तर प्रदेश के बीचों बीच बसे हैं। दूसरे शहरों के मुकाबले ये ज्यादा विकसित हैं। यहां सुविधाएं और अवसर भी अधिक हैं। लिहाजा प्रदेश के अधिकतम लोग इन दो शहरों में रहना चाहते हैं। ऐसे में अधिक से अधिक लोगों की जरूरत पूरी हो सके, इसके लिए राज्य सरकार पूरे इलाके को एनसीआर जैसा बनाना चाहती है।
– सरकार जारी करेगी ग्लोबल टेंडर
– 34,000 वर्ग किलोमीटर होगा दायरा , तीन करोड़ आबादी
जरूरत क्यों पड़ी
एक रिपोर्ट में प्रदेश के शहर और शहरी नियोजन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हाल के सालों में ऐसा देेखा जा रहा है कि इन दो शहरों पर बढ़ती निर्भरता के चलते प्रदेश के मध्य क्षेत्र का शहरी विकास ठीक से नहीं हो पा रहा है।
जब निवेश की बात आती है तो लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर अधिक ध्यान खींचता है। ऐसे में निर्णय ये लिया गया है कि इन दोनों शहरों के आसपास बसे छोटे-छोटे शहरों को शामिल करके एक राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का विकास किया जाए। इससे पूरे क्षेत्र का समग्र और संतुलित विकास होगा।
2047 तक परियोजना होगी पूरी
राज्य की राजधानी लखनऊ की बात करें तो यह 2,528 वर्ग किमी में फैली हुई है। 2011 की जनगणना के अनुसार 46 लाख आबादी है। वहीं कानपुर नगर 3155 वर्ग किमी में फैला हुआ है। हरदोई जैसे पड़ोसी जिले का क्षेत्रफल 5,986 वर्ग किमी है और आबादी 40 लाख है। 5,742 वर्ग किलोमीटर में फैले सीतापुर की आबादी 44.83 लाख है।
प्रस्तावित राज्य राजधानी क्षेत्र लखनऊ और कानपुर नगर सहित आठ जिलों को कवर करेगा जो 34,000 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा और इसकी कुल आबादी 3 करोड़ होगी।<प्रस्तावित एससीआर में अन्य छह जिले हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, रायबरेली और कानपुर देहात शामिल हैं। यूपी सरकार इस परियोजना को 2047 तक पूरा कर लेना चाहती है। सरकार चाहती है कि आर्थिक गतिविधियों और जनसंख्या विस्तार में संतुलन के साथ एससीआर के शहरीकरण का एक समुचित ढांचा बने। यूपी सरकार इसके लिए एक ग्लोबल टेंडर भी जारी करने की योजना बना रही है। पूरे क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सलाहकार नियुक्त किये जाएंगे। इसके लिए प्रस्तावित क्षेत्र का एक मानचित्र तैयार किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक ब्लूप्रिंट में शैक्षिक, चिकित्सा, स्वास्थ्य ढांचा, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक के अलावा धार्मिक और पर्यटन शामिल होंगे।