आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारतीय रेल के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने और क्षमता वृद्धि करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक दशक में विभागीय बजट में 800 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस दौरान भारत के रेल नेटवर्क में जर्मनी की रेलवे के बराबर 25 हजार 434 किलोमीटर नए ट्रैक को बिछाया गया। एक साल (2022- 23) में स्विट्जरलैंड रेलवे के बराबर 5243 किलोमीटर नया ट्रैक देश के रेल नेटवर्क में जोड़ा गया।
रेल संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता राधा मोहन सिंह ने कहा कि अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेजी से बढ़ता रेलवे नेटवर्क है। भारतीय रेलवे रोज 12 हजार यात्री ट्रेनों के माध्यम से 2.19 करोड़ यात्रियों (सालाना 800 करोड़) को गंतव्य तक पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रेल के बुनियादी ढांचे की क्षमता वृद्धि पर फोकस किया है।
रेल बजट में आठ गुना वृद्धि
वर्ष 2013-14 के लिए 29,055 करोड़ रेल बजट आवंटित किया गया था। केंद्र सरकार ने 2023-24 में इसे बढ़ाकर 2.40 लाख करोड़ रुपये कर दिया। 2013-14 में यूपीए सरकार की तुलना में रेल बजट में आठ गुना वृद्धि की गई।
एक दशक में नये ट्रैक में 75 प्रतिशत बढ़ोतरी
2004-2014 के दौरान 14,985 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछायी गईं, जबकि पिछले लगभग एक दशक (2014-23) में 25,871 रूट किलोमीटर ट्रैक बिछाने का काम किया गया। यह नई रेलवे लाइनों में 75 प्रतिशत की वृद्धि है।
रोज 16 किमी रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य
वर्ष 2022-23 में रोज 14 किलोमीटर रेल लाइन बिछायी गई और आगामी वित्तीय वर्ष में यह लक्ष्य प्रतिदिन 16 किमी है। 2014 के बाद से 14 हजार 337 किमी रेलवे लाइन दोहरीकरण कार्य शुरू किया गया। 2014 से अब तक 5,750 किलोमीटर लंबाई का गेज परिवर्तन शुरू हुआ। 2014 के बाद से रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं पर खर्च की गई राशि पांच गुना बढ़ गई है।
1309 स्टेशन विकसित होंगे
अमृत भारत योजना के तहत अब तक विकास के लिए 1309 स्टेशनों की पहचान की गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। 24 हजार 470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 508 स्टेशनों का पुनर्विकास होगा।
70 वंदे भारत ट्रेन चलाई गईं
देश में आम लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन की संख्या बढ़ रही है। अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक और विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से लैस 35 जोड़ी (कुल 70 ट्रेन) वंदे भारत ट्रेन चलाई जा चुकी हैं।