ब्लिट्ज ब्यूरो
मंडी ( हिमाचल प्रदेश) । अक्सर चर्चा में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की मंडी की राजनीति में एंट्री के साथ ही सियासी तपिश बढ़ती चली गई। भाजपा की ओर से उम्मीदवारी की घोषणा होते ही कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की अशोभनीय टिप्पणी से माहौल ऐसा गरमाया कि सीट चर्चा का विषय बन गई। कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा। यहां कंगना का मुकाबला हिमाचल के लोकनिर्माण मंत्री कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से है। दोनों के बीच तीखे जुबानी हमले हुए। विक्रमादित्य ने कंगना को मौसमी राजनेता बताकर बीफ खाने का आरोप लगाया, तो कंगना ने उन्हें छोटा पप्पू तक कह दिया। देखना दिलचस्प होगा कि जुबानी टक्क र जितनी कड़ी हो रही है, वोटों के मामले में भी ऐसी ही टक्क र होगी या नहीं?
मुद्दे संग आक्रोश भी
पंडोह तीन विधानसभा क्षेत्रों का केंद्र है। सिराज, द्रंग और मंडी के लोग इससे सीधे तौर पर जुड़े हैं। बीते वर्ष आई आपदा में टूटा पंडोह का पुल साक्षी है कि लोग किस कदर जान हथेली पर लेकर रह रहे हैं। इस पुल के कारण जो रास्ता एक से दो मिनट का होता था, वो अब सात-आठ किमी लंबा हो गया है। स्थानीय निवासी अर्जन सिंह, कुलदीप व व्यापार मंडल के प्रधान अश्विनी कुमार कहते हैं कि पुल टूटने से काम पूरी तरह चौपट हो गया, सुनवाई नहीं होती। इतने अहम इलाके में न तहसील है, न बीडीओ दफ्तर व अस्पताल। एक कॉलेज की घोषणा हुई थी, पर नई सरकार ने उसे रद कर दिया।
आंक रहे प्रत्याशियों को
स्थानीय निवासी धर्मेंद्र कहते हैं कि सुक्खू सरकार ने दिया ही क्या। स्नोरघाटी में एक डिस्पेंसरी है। डाक्टर तक नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम के प्रभुत्व वाले इलाके सिराज में एक युवती ने आक्रोश इस तरह से जताया- हम कैसे अपने भाई को सेना में जाने को कहें, अग्निवीर में चार साल बाद क्या होगा उसका। विक्रमादित्य भले ही सड़क न बनवाएं, पर राजनीति जानते हैं, कुछ तो करेंगे।
तगड़ी लड़ाई: पंडोह निवासी श्रीनेत्रपाल कहते हैं कि फाइट तगड़ी है। कंगना को लोग पसंद कर रहे हैं। मंडी के मुख्य बाजार इंदिरा मार्केट में पूनम कहती हैं कि कंगना बड़ा चेहरा है, ग्लैमर है, तो क्या बुराई है। वहीं, मंडी के राधाकृष्ण कहते हैं कि विक्रमादित्य का रुतबा व चमक भी देखनी चाहिए।