ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चौथे सबसे वरिष्ठ जज एमआर शाह अपने अंतिम कार्य दिवस पर अदालत कक्ष में भावुक हो गए और कहा कि वह रिटायर होने वाले व्यक्ति नहीं हैं तथा जीवन में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली एक रस्मी पीठ में शामिल जस्टिस शाह अपने संबोधन के अंत में रो पड़े। उन्होंने राज कपूर के मशहूर गीत की पंक्तियां ‘‘जीना यहां, मरना यहां’’ को उद्धृत किया।
जस्टिस शाह ने कहा, मैं रिटायर होने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मैं अपने जीवन की एक नयी पारी की शुरुआत करने जा रहा हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूं कि वह मुझे नयी पारी खेलने के लिए शक्ति और साहस तथा अच्छा स्वास्थ्य दें। उन्होंने रुंधे गले से कहा, ‘विदाई से पहले मैं राज कपूर के एक गीत को याद करना चाहता हूं- ‘कल खेल में हम हों न हों, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा।
जस्टिस शाह 2 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए थे। इनसे एक दिन पहले जस्टिस दिनेश माहेश्वरी रिटायर हुए थे। सीजेआई ने रिटायर हो रहे न्यायाधीश के साथ अपने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा, जस्टिस शाह से मेरा नाता तब का है जब मैं भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल था और हमारी दोस्ती तब गहरी हुई, जब वह (जस्टिस शाह) सुप्रीम कोर्ट आए। हम कोविड जैसे मुश्किल वक्त में एक साथ (पीठ में) बैठे थे।
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तथा विभिन्न वरिष्ठ अधिवक्ताओं और अन्य लोगों ने जस्टिस शाह को बधाई दी। एसजी तुषार मेहता ने कहा, मैं ‘मॉय लॉर्ड’ को एक न्यायाधीश और एक वकील के रूप में भी जानता हूं, वह चुनिंदा साहसी न्यायाधीशों में से एक हैं, जिन्हें मैं जानता हूं। आपने जितने फैसले लिखे वे दिखाते हैं कि आपके परिवार पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है और अब उन्हें आपका वक्त जरूर मिलेगा।