ब्लिट्ज ब्यूरो
कोलकाता। 1990 के अयोध्या गोलीबारी कांड में शहीद कोठारी बंधुओं राम कुमार कोठारी और शरद कुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी ने कहा है कि 2014 से पहले उन्हें लगता था कि उनके भाइयों का बलिदान व्यर्थ चला गया है। उस वक्त तक भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए गए। अब जब 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है, पूर्णिमा ने कहा कि अपने भाइयों के सपने के पूरा होने के लिए हमने 33 साल तक इंतजार किया। गौरतलब है कि राम कुमार कोठारी 23 साल के थे और शरद 20 साल के थे, जब उन्होंने 1990 में अन्य कार सेवकों के साथ राम रथ यात्रा निकाली थी।
तब कारसेवकों ने तत्कालीन ढांचे के ऊपर भगवा झंडा फहराया था। वे उन लोगों में से थे जो इसके बाद हुई पुलिस फायरिंग के दौरान शहीद हो गए। पूर्णिमा ने कहा कि ‘पिछले 33 वर्षों में यह मेरी पहली खुशी है, मेरे माता-पिता अब नहीं रहे। यहां तक कि मैं राम मंदिर के उद्घाटन का गवाह बनने की उम्मीद भी नहीं कर सकती थी। पूर्णिमा ने कहा कि मंदिर हजारों वर्षों तक रहेगा और मेरे भाइयों के नाम भी। मुझे आज बहुत गर्व है। कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नामंजूर करने पर कोठारी बंधुओं की बहन ने कहा कि यह उनका दुर्भाग्य है कि उन्हें निमंत्रण दिया गया और उन्होंने निमंत्रण कबूल नहीं करने का फैसला किया। पूर्णिमा ने कहा कि ‘वे राजनेता हैं और वे हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखते हैं।