नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक अप्रैल से बीमा पॉलिसी को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखना अनिवार्य कर दिया है।
इसके लिए बीमाधारकों को ई- इंश्योरेंस खाता (ईआईए) खुलवाना होगा, जहां सभी तरह की बीमा पॉलिसी को डिजिटल रूप में सहेज कर रखा जा सकेगा। इसके बाद कागजी पॉलिसी की जरूरत खत्म हो जाएगी।
बीमा रिपॉजिटरी
इरडा ने चार बीमा रिपॉजिटरी को अधिकृत किया है, जो देश में ई- इंश्योरेंस खाता खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं। इनमें पॉलिसी डिजिटल रूप में संग्रहित होंगी।
सीएएमएस इंश्योरेंस रिपॉजिटरी (www.camsrepository.com)
कार्वी (www.kinrep.com)
एनएसडीएल डेटाबेस मैनेजमेंट (www.ndml.in)
सेंट्रल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी ऑफ इंडिया (www.cirl.co.in)
वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करें
इन चार रिपॉजिटरी में से किसी एक का चयन करना होगा। वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करें। केवाईसी दस्तावेजों को इंश्योरेंस कंपनी के ब्रांच ऑफिस जाकर जमा कर सकते हैं। कुरियर भी कर सकते हैं। आवेदन स्वीकार होने और सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ई-इंश्योरेंस खाता सात दिनों में खुल जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है।
पुरानी पॉलिसी को डिजिटल रूप में बदलें
मौजूदा पॉलिसी को डिजिटल बनाने के लिए कन्वर्जन फॉर्म भरना होगा। इसे वेबसाइट से डाउनलोड करें। पॉलिसीधारक का नाम, पॉलिसी संख्या, ई-बीमा खाता संख्या और कंपनी दर्ज करनी होगी। इसे ई-इंश्योरेंस फॉर्म के साथ कंपनी की ब्रांच में जमा कराना होगा। परिवर्तित होने के बाद पॉलिसीधारक को एसएमएस, ई-मेल से सूचना मिल जाएगी।
ये दस्तावेज जरूरी
पासपोर्ट आकार की हालिया फोटो, •पैन कार्ड, •पहचान प्रमाण, जन्मतिथि का प्रमाण, •पता प्रमाण पत्र, •आधार कार्ड।
पूरी तरह सुरक्षित
ई-बीमा खाता पूरी तरह से इनक्रिप्टेड होगा यानी केवल बीमाधारक ही इसका इस्तेमाल कर पाएगा। किसी तीसरे पक्ष की पहुंच इस तक नहीं होगी। ग्राहक को अपनी सभी बीमा पॉलिसी इस ई-खाते से जोड़नी होंगी।